‘पुष्प पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूं मैं’ पंक्ति में ‘पुष्प पुष्प’ किसका प्रतीक हैं?

पुष्प पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूं मैं’ इस पंक्ति में पुष्प-पुष्प’ युवाओं का प्रतीक है। कवि सुमित्रानंदन पंत अपनी ध्वनि’ नामक कविता में कहते हैं कि वे हर उस फूल से आलस को खींच लेना चाहते हैं, आलस के प्रमाद में है अर्थात मैं वसंत ऋतु हर पुष्प से नींद के आलस्य को खींचकर उसमें स्फूर्ति भर देना चाहते हैं। यहाँ पर पुष्प से तात्पर्य देश के युवाओं से है। वह देश के युवाओं के अंदर व्याप्त आलस को खींचकर उनमें उमंग एवं उत्साह भर देना चाहते हैं, ताकि वह देश के विकास के पथ पर दौड़ सके और अपने कर्म के लिए तत्पर हो जाएं। वह हर युवा को प्राणवान और चुस्त बना देना चाहते हैं ताकि वह अपने आलस को त्याग कर कर्म के पथ पर गतिशील हो जाएं।

संदर्भ पाठ

‘ध्वनि’ कविता, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला


Other questions

कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर करने के लिए क्या करना चाहता है?

फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन कौन सा प्रयास करता है?

कवि का नूतन कविता से क्या अभिप्राय है? (क) नवीन प्रेरणा (ख) नवजीवन (ग) क, ख दोनों (घ) इनमें से कोई नहीं

Related Questions

Comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Questions