ज्ञान का भंडार क्या हैं? किन ग्रंथों को ज्ञान का भंडार कहा गया है?​

समाचार पत्रों को ज्ञान का भंडार कहा गया है। समाचार पत्रों के माध्यम से हर तरह की उपयोगी जानकारी प्राप्त होती है। समाचार पत्र में अनेक तरह के स्तंभ होते हैं, जहाँ पर उपयोगी जानकारी होती है। समाचार पत्रों में उपयोगी और ज्ञानवर्द्धक लेख होते हैंं। समाचार पत्रों में कहानियाँ होती हैं, कविताएं होती हैं। समाचार पत्रों के समाचारों और फीचर रिपोर्ट के माध्यम से देश-दुनिया की ताजातरीन घटनाओं की जानकारी मिलती है। समाचार पत्र अनेक तरह के स्थायी स्तंभों, जिन्हे कॉलम कहा जाता है, के माध्यम से सभी के ज्ञान में वृद्धि होती है। इसीलिये समाचार पत्रों को ज्ञान का भंडार कहा गया है।

भारत के अनेक ग्रंथ ज्ञान का भंडार माने जाते हैं। भारत के वेद-उपनिषद ज्ञान का भंडार है। इन ग्रंथों में मंत्रों और श्लोकों के माध्यम से ज्ञानवर्द्धक बाते बताई गई हैं। वेदों को संसार की सबसे प्राचीनतम पुस्तक माना जाता है। भारत प्राचीन का से ज्ञान के विषय में विश्व गुरु कहलाया है।

प्राचीन काल में जब पूरा विश्व अंधकार के युग मे था तब भारत एक ऐसा देश था, जहाँ पर ज्ञान की ज्योति जगमगाई  हुई थी। यहाँ के ऋषि-मुनियों में अनेक ग्रंथों द्वारा भारत में ज्ञान की पताका लहराई है। वेद उपनिषद ऐसे ही ग्रंथ है, इसलिए ग्रंथ की दृष्टि से भारत के वेद-उपनिषद ज्ञान का सीमित भंडार हैं।


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