सही विकल्प होगा..
(ख) पशु के समान
स्पष्टीकरण
मनुष्य किसी पर प्रसन्न हो जाए तो वह उसे धन देता है या उसकी भलाई के लिए कोई कार्य करता है। लेकिन ऐसे मनुष्य जो दूसरों पर प्रसन्न होकर भी उसे कुछ नहीं प्रदान करते, ऐसे मनुष्य पशु के समान होते हैं।
कवि रहीम अपने इस दोहे के माध्यम से कहते हैं कि…
नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत ।
ते ‘रहीम’ पसु से अधिक, रीझेहु कछू न देत।।
हिरण एक ऐसा पशु है, जो संगीत पर मुग्ध होकर शिकारियों को अपना जीवन तक देता है अर्थात वह संगीत में इतना खो जाता है कि शिकारी उसका शिकार कर लेता है, यानी हिरण अपना अस्तित्व ही समाप्त कर लेता है।
इस दोहे के माध्यम से कवि ये कहना चाहता है, हिरण को संगीत प्रिय होता है। उसे संगीत प्रिय है, तभी तो वह शिकारी के संगीत मे खो जाता है और अपने जीवन की सुरक्षा करना भूल जाता है, और उसे अपने शरीर की भी सुबबुध नही रहती और शिकारी उसका शिकार कर लेता है।