‘दो बैलों की कथा’ कहानी के माध्यम से लेखन ने पशुओं तथा मनुष्यों के बीच भावनात्मक संबंधों का वर्णन किया है। इस कहानी के माध्यम से निम्नलिखित नीति-विषयक मूल्य उभरकर सामने आते हैं।
एकता में शक्ति होती है, अपने साथ–साथ दूसरों का हित भी सोचना चाहिए।
दोनों बैलों हीरा और मोती ने जिस तरह एकता दिखाई और हर मुसीबत का मिलकर सामना किया उससे एकता का महत्व स्पष्ट हो जाता है।
सच्चा मित्र मुसीबत के समय किसी भी स्थिति में कभी साथ नहीं छोड़ता है।
हीरा-मोती ने कभी एक दूसरे का साथ नही छोड़ा। अगर एक मुसीबत में फंसा तो दूसरा उसके साथ खड़ा रहा। दोनों के मित्रता के धर्म को पूरी तरह निभाया। इससे ये नीति-विषयक मूल्य उभरकर सामने आता है, कि सच्चा मित्र किसी भी स्थिति में साथ नही छोड़ता है।
पशुओं के अंदर संवेदनाएं और भावनाएं होती है। हमे उनके साथ संवेदनात्मक व्यवहार करना चाहिए।
इस कहानी के माध्यम से लेखक ये संदेश देने की पशु भी भावनाओं को समझते हैं। उनके अंदर भी संवेदनाएं होती हैं। वे समझदार भी होते हैं। पशुओं के साथ हमें पशुवत व्यवहार नही बल्कि मानवीय व्यवहार करना चाहिए। अपने पालतू पशुओं के साथ प्रेम से कोई भी काम करवाया जा सकता है। यदि हम उनके साथ क्रूरता करेंगे तो वे बगावत भी कर सकते हैं।
आज़ादी बहुत बड़ा मूल्य है। इसे पाने के लिए मनुष्य को बड़े से बड़ा कष्ट उठाने को तैयार रहना चाहिए।
ये कहानी हमें आजादी के मूल्य से परिचित कराती है। इस कहानी से पता चलता है कि कष्टों वाली आजादी सुख-सुविधाओं वाली गुलामी से बेहतर है। अपनी आजादी को पाने के लिए हमें कोई भी कीमत चुकाने को तैयार रहना चाहिए।
इस तरह मुंशी प्रेमचंद की ‘दो बैलों की कथा’ के माथ्यम से उपरोक्त नीति विषयक मूल्य उभरकर सामने आए हैं।