‘जिनकी सेवाएं अतुलनीय , पर विज्ञापन से दूर रहे, प्रतिकूल परिस्थितियों ने जिनके, कर दिये मनोरथ चूर चूर।’ उदाहरण देते हुए उपयुक्त पंक्तियों की व्याख्या कीजिए।

जिनकी सेवाएं अतुलनीय,
पर विज्ञापन से दूर रहे,
प्रतिकूल परिस्थितियों ने जिनके,
कर दिये मनोरथ चूर-चूर।

संदर्भ : ‘उनको प्रणाम’ कविता जो कि ‘कवि नागार्जुन’ द्वारा लिखी गई है। उस कविता की इन पंक्तियों की व्याख्या इस प्रकार है।

व्याख्या : कवि कहते हैं कि वे लोग बेहद साहसी हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता के संघर्ष में अपना सब कुछ न्योछावर तो कर दिया लेकिन वह प्रचार-प्रसार से दूर रहे। वह शांति से अपना कार्य करते रहें और अपना योगदान देते रहे।

उन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और हर तरह के संकट और संघर्षों का सामना करके अपने मन की सारी अभिलाषाये पूर्ण की। उन्होंने बेहद कष्टों में अपना जीवन व्यतीत किया, लेकिन अपने लक्ष्य की ओर निरंतर बढ़ते रहे और तनिक भी विचलित ना हुए।

वह बिना किसी प्रचार-प्रसार और नाम की आकांक्षा के अपना काम शांति से करते रहे क्योंकि उनका उद्देश्य कार्य करना था प्रचार पाना नहीं। ऐसे लोगों को कवि प्रणाम करते हैं।


Other questions

चुप रहने के यारों, बड़े फायदे हैं, जुबाँ वक्त पर खोलना, सीख लीजे । भावार्थ बताएं?

काट अन्ध-उर के बन्धन-स्तर वहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर, कलुष-भेद तम-हर, प्रकाश भर जगमग जग कर दे! इन पंक्तियों का भावार्थ बताएं।

Related Questions

Comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Questions