शारंगदेव के संगीत रत्नाकर ग्रंथ में अलंकार के चार प्रकार बताए गए हैं।
शारंगदेव का ‘संगीत रत्नाकर’ ग्रंथ 13वीं शताब्दी में रचा गया एक ग्रंथ था। यह ग्रंथ शारंगदेव नाम के प्रसिद्ध संगीतकार ने 13वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में 1210 से 1247 ईस्वी के बीच किसी समय रचित किया था।
शारंग देव के संगीत रत्नाकर ग्रंथ को 8 अध्यायों में विभक्त किया गया है। प्रथम अध्याय के छठे प्रकरण में अलंकार के चार प्रकार बताए गए हैं तथा अलंकार के लक्षणों का वर्णन किया गया है।
शारंगदेव तेरहवीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे। उन्होंने ‘संगीत रत्नाकर’ के अलावा अन्य कई ग्रंथों की रचना की, लेकिन उनका एकमात्र संगीत रत्नाकर ग्रंथ ही प्रमाणिक रुप से आज उपलब्ध है।
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