‘अलगू चौधरी’ पंच परमेश्वर की जय इसलिए बोल पड़ा क्योंकि पंच परमेश्वर ने अलगू चौधरी और समझू साहू के बीच हुए विवाद पर एकदम निष्पक्ष फैसला दिया था।
‘पंच परमेश्वर’ में सरपंच जुम्मन शेख था, जिसके साथ अलगू चौधरी का चल रहा था, इसलिए अलगू चौधरी और समझू साहू का मामला जब पंच परमेश्वर के सामने आया तो अलगू चौधरी के मन में यह डर था कि उसके और सरपंच जुम्मन शेख के बीच हुए विवाद के कारण शायद सरपंच जुम्मन शेख उसके हक में फैसला नहीं दे।
यद्यपि विवाद के मामले में उसका पक्ष मजबूत था और यदि सरंपच निष्पक्ष होकर फैसला दें तो उसके हक में ही फैसना होना चाहिए था, लेकिन फिर भी अलगू चौधरी को सरपंच जुम्मन शेख से अपने पक्ष में फैसला मिलने की उम्मीद नहीं थी।
लेकिन ऐसा नही हुआ। जुम्मन शेख शायद ने पंच परमेश्वर के रूप में अपना धर्म निभाते हुए एक निष्पक्ष फैसला दिया। इसी कारण अलगू चौधरी फैसला सुनकर पंच परमेश्वर की जय बोल पड़ा।
‘पंच परमेश्वर’ कहानी मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानी है, जिसमें अलगू चौधरी और जुम्मन शेख नामक दो मित्रों के बीच के संबंध की कहानी है। पहले दोनों मित्र हुआ करते थे, लेकिन किसी बात पर दोनों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया और दोनों के बीच मनमुटाव उत्पन्न हो गया और दोनों एक दूसरे के विरोधी बन गए। लेकिन जुम्मन शेख और अलगू चौधरी के बीच मनमुटाव का यह असर उसे पंचायत पर नहीं पड़ा, जिसका सरपंच जुम्मन शेख था। उसने मनमुटाव होने के बावजूद अलगू चौधरी के विरोध में फैसला नहीं दिया।