खेल खेलने से विभिन्न क्षमता वाले खिलाड़ियों के जीवन में परिवर्तन आना अच्छी है क्योंकि इससे उन्हें न केवल अपनी कमजोरी से उबरने का अनुभव मिलता है, बल्कि उन्हें आगे बढ़ाने की प्रेरणा भी मिलती है।
जब भिन्न क्षमता वाले खिलाड़ी खेल खेलते हैं तो उनके अंदर भी अन्य खिलाड़ियों की तरह ही प्रतिस्पर्धा की भावना जागती है, इससे उनके अंदर एक हौसला जागृत होता है कि वह भी अन्य व्यक्तियों की तरह ही हैं। उनके अंदर की शारीरिक कमी के कारण उनके अंदर जो हीन भावना उत्पन्न होती है, वह उनके मन से दूर होती है।
विभिन्न क्षमता वाले खिलाड़ी अक्सर अपनी किसी शारीरिक कमी के कारण हीन भावना से ग्रस्त हो जाते हैं। खेल खेलने से उन्हें अपनी हीन भावना को मिटाने में सहायता मिलती है। वह भी समाज के अन्य सामान्य वर्गों की तरह अपना जीवन जीने के लिए प्रेरित होते हैं। जब वह खेल खेलते हैं तो उन्हें लगता है कि वह भी अन्य सामान्य व्यक्तियों की तरह ही सक्षम है और उनके अंदर कोई अक्षमता नहीं है। इस तरह वह अपनी कमजोरी को मात देकर अपने जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
खेल खेलने से अंदर उनके अंदर वो आत्मविश्वास जागृत होता है, जो आत्मविश्वास उनकी शारीरिक कमी के कारण उनके अंदर खत्म हो गया था। इससे वह अपने जीवन को सामान्य मनुष्य की तरह संवार सकते हैं और जी सकते हैं।
निष्कर्ष
खेल खेलने से विभिन्न क्षमता वाले खिलाड़ियों के जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन आता है और उन्हें न केवल अपने अंदर की कमजोरी पर विजय पाने का अवसर मिलता है बल्कि अपनी हीन भावना से भी मुक्त होते हैं। वे आत्मविश्वास से युक्त होकर अपने जीवन को एक नई दिशा दे सकते हैं।