नीरज चोपड़ा भारत के उभरते हुए एथलीट हैं, जिन्होंने जैवलिन थ्रो में भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारत के लिए दूसरा व्यक्तिगत गोल्ड मेडल जीता था। उसके अलावा उन्होंने जेवलिन थ्रो की कई विश्वस्तरीय स्पर्धाओं में अनेक पदक जीते हैं। उनसे एक बार हमारी बातचीत हुई। उनसे हुई बातचीत इस प्रकार है…
संवाद लेखन
एक पसंदीदा खिलाड़ी से बातचीत का संवाद लेखन
हम : नमस्ते नीरज जी।
नीरज चोपड़ा : नमस्ते जी, नमस्ते।
हम : नीरज जी हम सभी आपके बड़े फैन हैं। आपने हमारे लिए गौरव के क्षण प्रदान किए हैं। सारे देशवासियों को आप पर गर्व है।
नीरज चोपड़ा : धन्यवाद, मुझे आप जैसे फैंस से ही प्रेरणा मिलती है। आप जैसे फैंस द्वारा किए जाने वाला यह उत्साहवर्धन मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
हम : नीरज जी यह बताइए कि आपको जैवलिन थ्रो के प्रति रुझान कैसे पैदा हुआ?
नीरज चोपड़ा : मुझे बचपन से ही खेलों में बहुत रुचि थी। मैं कोई अच्छा एथलीट बनना चाहता था। मैं हरियाणा के गाँव में पला-बड़ा हूँ। एक दिन मैंने खेल-खेल में एक भाला दूर तक फेंका तो वह बहुत दूर जाकर गिरा। मेरी सभी लोगों ने प्रशंसा की धीरे-धीरे मेरा भाला फेंकने के प्रति रुचि बढ़ती गई और मैं इसी में अपना करियर बनाने का निर्णय लिया।
हम : आपकी सफलता में आप किसका योगदान मानते हैं?
नीरज चोपड़ा : मैं आज जो कुछ भी हूँ। उसमें सबसे बड़ा योगदान मैं अपने माता-पिता को मानता हूँ। इसके अलावा मैं अपने कोच का भी आभारी हूँ, जिनके कारण मैं जैवलिन थ्रो मैं उच्च स्तर का खिलाड़ी बन पाया।
हम : नीरज जी, 2024 में होने वाले पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए आपकी क्या तैयारी है। क्या आप हमें फिर से ओलंपिक खेलों में एक और गोल्ड मेडल दिलाएंगे?
नीरज चोपड़ा : मैं पेरिस ओलंपिक की तैयारी के प्रति बेहद उत्साहित हूँ और मैं जी-जान से तैयारी में लगा हूँ। मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि मैं पेरिस ओलंपिक में भी गोल्ड मेडल जीत कर अपने देश का नाम रोशन करूं।
हम : नीरज जी, हम सभी देशवासियों की तरफ से आपको आगे की सफलताओं के लिए शुभकामनाएं। नमस्ते।
नीरज चोपड़ा : धन्यवाद, नमस्ते।
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‘अपूर्व अनुभव’ पाठ में दूसरों की सहायता करने की प्रेरणा है। सिद्ध कीजिए।