भारत का एक प्रसिद्ध खेल है, कबड्डी। ये भारतीय खेल है, और भारत अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नामों के जाना जाता है।
कबड्डी खेलने का तरीका
कबड्डी मैच की शुरुआत एक टीम द्वारा दूसरी टीम के हाफ में रेड करने से होती है । रेड का मतलब जब एक टीम का खिलाड़ी दूसरे खेमे में कबड्डी बोलने यानी हमला करने जाता है, उसे रेडर कहा जाता है । रेडर कबड्डी शब्द बोलते हुए दूसरी टीम के हाफ में प्रवेश करता है, जिसे कैंटिंग भी कहा जाता है ।
रेडर का उद्देश्य जितना संभव हो उतने विपक्षी खिलाड़ियों को टैग करना या छूना होता है, जिन्हें एंटी या डिफेंडर कहा जाता है और एक सांस में अपने कैंट को जारी रखते हुए मध्य रेखा को पार करके रेडर अपने हिस्से में लौट आते हैं । इस बीच डिफेंडर रेडर को कोर्ट से टैकल करके या धक्का देकर अपने ही हाफ में लौटने से रोकने की कोशिश करते हैं ।
टीमें बारी-बारी से एक-दूसरे के खिलाफ रेड करती हैं और जिस टीम को सबसे अधिक अंक मिलते हैं वह मैच की विजेता बनती है। कबड्डी मैच में प्रत्येक टीम में सात खिलाड़ी होते हैं ।टीमों में बेंच पर तीन से पांच सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी के तौर पर होते हैं।
कबड्डी टीम में मौजूद सभी सात खिलाड़ी डिफेंस भी करते हैं । इन खिलाड़ियों में रेडर और डिफेंडर खिलाड़ी शामिल होते हैं। इसके अलावा इसमें से कुछ खिलाड़ी ऑलराउंडर भी होते हैं, जो रेडर और डिफेंडर दोनों की भूमिका निभाते हैं। एक कबड्डी मैच आमतौर पर 40 मिनट (प्रत्येक 20 मिनट के दो भाग) तक चलता है। मैच की शुरुआत दो टीमों के बीच सिक्के के टॉस से होती है और विजेता यह तय कर सकता है कि पहले रेड करना है या डिफेंड करना है। प्रत्येक टीम को प्रत्येक हाफ में दो टाइम-आउट की अनुमति होती है ।
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