‘मैं सबसे छोटी होऊँ’ पाठ में कवि की तरह छोटा बनकर आप क्या-क्या करना चाहेंगे ? अपने शब्दों में लिखिए ।

‘मैं सबसे छोटी होऊँ’ कविता में कवि ‘सुमित्रानंदन पंत’ ने एक छोटी सी बच्ची के मनोभावों को व्यक्त किया है। एक छोटी सी बच्ची अपने माँ के प्रेम-स्नेह के प्रति जो मनोभाव रखती है, वह इस कविता में प्रकट किया गया हैं।

इसी कविता के आधार पर कहें तो अगर हमें भी छोटा-छोटा बनने का अवसर मिले और तो हम बचपन को दुबारा से जीना चाहेंगे। अपना बचपन किसको प्यार नहीं होता बचपन मासूम होता है, जो दुनिया के छल-कपट से दूर होता है। यदि हमें दोबारा से छोटा बनने का अवसर मिले तो हम फिर खेत-खलिहानों, मैदानों में उछल कूद करते हुए, धमा-चौकड़ी मचाते हुए घूमा करेंगे।

हम बागों में पेड़ों पर लगे फलों को तोड़ा करेंगे। बाग बगीचों में खेला करेंगे झूलों पर झूला करेंगे हमें दोबारा से छोटा बनने का अवसर मिले तो हम अपने बचपन को फिर से जीना चाहेंगे। अपने बचपन की उन सभी सुखद अनुभूतियों को दोहराना चाहेंगे जो हमने बचपन में की थी। हम अपने माता-पिता से जिद करके अपनी मनचाही वस्तु या खिलौने मांगा करेंगे।

हम अपनी माँ के सामने अपने मनपसंद खाने बनाने की जिद कर करेंगे और यदि हमें हमारा मनपसंद खाना नहीं मिले तो हम रूठ जाया करेंगे। तब हमारी माँ हमें मना कर हमारे मनपसंद खाना बनाकर खिलाया करेगी। हम अपने पिता से अपने मनपसंद कपड़े, खिलौने अथवा कोई मनपसंद वस्तु पाने की खुशामद किया करेंगे। पिता हमारे सामने परीक्षा में अच्छे अंक लाने की शर्त रखेंगे तो हम वह शर्त पूरी करने की कोशिश कर करेंगे।

सच में अगर हमें दुबारा से छोटा बनने का अवसर मिले तो हम अपने बचपन को फिर से जीना चाहेंगे।


Other questions

‘संघर्ष में ही जीवन है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।

पटाखे मुक्त दिवाली के बारे में आपके विचार लिखिए।

Related Questions

Comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Questions