‘दो बैलों की कथा‘ कहानी में जालिम झूरी के साले ‘गया‘ को कहा गया है।
‘दो बैलों की कथा’ मुंशी प्रेमचंद की कहानी है। “दो बैलों की कथा” में झुरी जो बैलों का मालिक है। झुरी के साले (पत्नी का भाई) जिसका नाम ‘गया’ है, उसे ‘जालिम’ कहा गया है, क्योंकि एक बार जब ‘गया’ उन्हें अपने साथ ले गया तो उसनें उन्हें सूखा चारा डाला था। हीरा और मोती ने इसे अपना अपमान समझा और अगले दिन हल जोतने से ना-नुकर करने लगे। इस पर ‘गया’ ने उन्हें डंडे से खूब पीटा और अगले दिन फिर से उन्हें सूखा चारा खाने को दिया।
इस तरह दो बैलों की कथा कहानी में झूरी के साले ‘गया’ द्व्रारा दोनों बैलों हीरा-मोती के प्रति किए क्रूरतापूर्ण व्यवहार के कारण ही उसे ‘जालिम’ कहा गया है।
‘दो बैलों की कथा’ पाठ की कहानी मुशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई है। इस कहानी में उन्होंने हीरा-मोती नामक दो बैलों को आपसी संबंध तथा उनके अन्य मनुष्यों से संबंध का आधार बनाया है। उन्होंने इस कहानी में बताया है कि पशुओं में भी संवेदना होती है। लेखक ने पशुओं तथा मनुष्यों के बीच भावनात्मक सम्बन्धों का वर्णन किया है। संदर्भ पाठ : दो बैलों की कथा, मुंशी प्रेमचंद (कक्षा -9, पाठ – 1), हिंदी-क्षितिज |