सरसों की फसल से वातावरण पर बेहद मनमोहक प्रभाव पड़ा है। सरसों की फसल से चारों तरफ हरियाली और सरसों के पीले फूल ही दिखाई दे रहे हैं। इससे चारों तरफ का वातावरण बेहद मनभावन हो गया है। खेतों में दूर दूर तक मखमली हरियाली फैली हुई है, उन पर खिले हुए सरसों के पीले फूल उन खेतों की सुंदरता को और बढ़ा रहे हैं। ऐसा लगता है कि धरती ने पीले रंग की चादर ओढ़ रखी हो और नीला आकाश दुरुपयोग कर धरती का अभिनंदन कर रहा हो। सरसों के अलावा गेहूँ, जौ, हरी मटर, सनई, अरहर, पालक, धनिया आदि की फसलें भी वातावरण के शोभा को और बढ़ा रही हैं। फूलों पर तरह-तरह के रंगीन तितलियां मंडरा रही हैं, जिससे वातावरण की छटा निखर उठी है।
संदर्भ पाठ :
‘ग्राम श्री’ कविता में कवि ने गाँव में दूर दूर तक फैले खेतों के सौंदर्य और ग्रामीण जन-जीवन की सुंदरता का वर्णन किया है।
(‘ग्राम श्री’ कविता, कक्षा 9 पाठ 13, क्षितिज)
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