बच्चों के उधम मचाने के कारण पूरा घर अस्त-व्यस्त हो गया था। बच्चों के उधम के कारण घर के सारे मटके सुराहियां इधर-उधर लुढ़क गए थे। घर के सारे बर्तन भी इधर-उधर बिखर गए। घर में जो भी पशु पक्षी थे वह बच्चों की धमाचौकड़ी के कारण भयभीत होकर इधर-उधर भागने लगे। पूरे घर में धूल ही धूल हो गई और बच्चों ने मिट्टी और कीचड़ का ढेर घर में लगा दिया। सारी मटर भेड़ें खा गईं। मुर्गे-मुर्गियों के कारण बच्चों के कपड़े भी बेहद गंदे हो गए थे। इस तरह पूरे घर की हालत बेहद अस्त-व्यस्त हो गई और चारों तरफ अशांति ही अशांति हो गई।
विशेष :
‘कामचोर’ कहानी ‘इस्मत चुगताई’ द्वारा लिखी गई कहानी है, उसमें एक समृद्ध परिवार के आलसी बच्चों के बारे में बताया गया है, जो आलस के कारण कोई काम नहीं करना चाहते। उनसे काम कराने के लिए उनके माता-पिता को उपाय आजमाने पड़े।
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