अपनी दासता के दिनों में हमें अनेक तरह की उपलब्धियां प्राप्त कीं।
- हमने अपने अनेक तरह की सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति पाई, जिनमें सती प्रथा, विधवा विवाह, बाल विवाह, अशिक्षा जैसी प्रथाएं प्रमुख थीं। शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई और हम शिक्षा के आधुनिक स्वरूप से परिचित हुए।
- दासता के दिनों में ही हमारे देश में पहली रेल लाइन बिछाई गई। भविष्य में भारत रेल के नेटवर्क के क्षेत्र में विश्व का अग्रणी देश बना। आज भारत विश्व के सबसे बड़े रेल नेटवर्क वाले देश है।
- दासता के दिनों में अंग्रेजों ने भले ही भारत देश के निवासियों का खूब शोषण किया हो लेकिन अंग्रेजों ने बहुत से विकास कार्य भी किये।
- अंग्रेजो ने कई शहरों को बसाने में अपना योगदान दिया जिनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे बड़े महानगर प्रमुख हैं। अंग्रेजों ने ही इन शहरों का विकास किया और इन शहरों में अनेक प्रमुख इमारतों का निर्माण भी किया। आज भी इन बड़े-बड़े शहरों में अंग्रेजों द्वारा निर्मित यही इमारतें मौजूद हैं और इन शहरों की प्रशासन व्यवस्था के कार्यालय के रूप में प्रयोग की जाती हैं।
- अंग्रेजों ने रियासतों में बंटे भारत को एक ब्रिटिश इंडिया के रूप में एकीकृत भी किया। इस तरह भारत के एक नए भौगोलिक स्वरूप की अवधारणा का भी विकास हुआ।
निष्कर्ष
संक्षेप में कहे दासता के दिनों हमारी उपलब्धि मिली जुली रही क्योंकि अंग्रेजों ने भारतीयों का खूब शोषण भी किया और सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत को एकदम गरीब विपन्न हालत में पहुंचा दिया, लेकिन अंग्रेजों द्वारा कुछ विकास के कार्य भी किए गए, जिसके कारण भारत के आधुनिक स्वरूप की नींव रखी गई।
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