शादी के बाद मृदुला गर्ग बिहार के जिस कस्बे में रहने लगी, वह डालमिया नगर था।
इसलिए सही विकल्प होगा :
डालमियानगर
विस्तार से समझें
‘मेरे संग की औरतें’ पाठ में लेखिका मृदुला गर्ग की जब शादी हो गई तो शादी के बाद वह बिहार के डालमियानगर नामक कस्बे में रहने लगीं। डालमियानगर एक बेहद छोटा पिछड़ा हुआ कस्बा था। जहाँ के लोग बहुत अधिक जागरूक नहीं थे। वहाँ पर स्त्री-पुरुष में भेदभाव किया जाता था।
भेदभाव का स्तर इतना बड़ा था कि पति-पत्नी तक साथ बैठकर फिल्म नहीं देखते थे। जब लेखिका ने वहाँ के समाज की स्थिति देखी तो वहाँ के समाज के लोगों को जागरूक करने का सोचा। उन्होंने वहां की स्त्रियों को जागरुक करने का कार्य आरंभ किया और स्त्रियों को अन्य पुरुषों के साथ नाटक करने के लिए राजी किया।
लेखिका के प्रयासों का यह परिणाम हुआ कि वहाँ की स्त्रियां जो पहले कभी अपने पति के साथ बैठकर फिल्म देखने से भी हिचकिचाती थीं, अब किसी अन्य पुरुष के साथ नाटक करने के लिए भी तैयार हो गईं। इस तरह लेखिका मृदुला गर्ग ने डालमियानगर की सामाजिक स्थिति में सुधार लाने लाते हुए पिछड़ी हुई स्त्रियों को जागरुक करने का प्रयास किया।
‘मेरे संग की औरतें’ पाठ मृदुला गर्ग द्वारा लिखा गया एक पाठ है। जिसमें उन्होंने अपने जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली अपने घर की औरतों के बारे में वर्णन किया है, जिनमें उनकी माँ, नानी, दादी, बहन आदि महिलाएं शामिल थीं।