‘वीर बालक’ पाठ के आधार पर तैमूर के व्यक्तित्व पर प्रकाश…
‘वीर बालक’ पाठ के आधार पर तैमूर के चरित्र पर नजर डालें तो वह एक क्रूर एवं निर्मम विदेशी आक्रांता था, जो भारत में लूटपाट करने के उद्देश्य से आया था। वह किसी भी काफिर यानी इस्लाम के ना मानने वाले लोगों तथा अपने शत्रुओं के लिए बेहद क्रूर और निर्मम था। वह किसी को भी जिंदा नहीं छोड़ता था। जो भी उसकी राह में आता था, वह उसको मारकर लूटपाट कर लेता था। उसका मुख्य उद्देश्य लूटपाट करना ही था। लेकिन वीर बालक बल करण की वीरता के आगे वह झुक गया। उसके जब वीर बालक बलकरण दृढ़ता से सामना करने के लिए तैयार हो गया तो उसकी वीरता को देखकर तैमूर झुक गया और उस गाँव से बिना लूटपाट किये चला गया। इस प्रकार वह क्रूर और निर्मम होकर भी वीरता का सम्मान करता था।
संदर्भ पाठ :
‘वीर बालक’ (कक्षा – 7, पाठ – 6, नई गुलमोहर)
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