महादेवी वर्मा द्वारा लिखित ‘गिल्लू’ पाठ में ऐसा स्पष्ट रूप से उल्लिखित नही है कि गिल्लू की किस से आपत्ति थी, लेकिन पाठ में दिए गए वर्णन के अनुसार गिल्लू को लेखिका के घर में पल रहे अन्य पालतू जानवरों जैसे कुत्ते-बिल्लियों से आपत्ति थी। इसका मुख्य कारण यह था कि लेखिका एक पशु प्रेमी ही और उनके घर में अनेक तरह के पशु पक्षी पालते थे जिनमें कुत्ते, बिल्ली, मोर, गाय आदि जैसे पशु थे।
गिल्लू एक नन्ही गिलहरी थी, उसको लेखिका के घर में पलने वाले अन्य पालतू पशुओं जैसे कुत्ते-बिल्ली आदि से भय रहता था। यह कुत्ते बिल्ली गिल्लू को कहीं नुकसान नहीं पहुंचा दे इसीलिए लेखिका गिल्लू को विशेष रूप से सुरक्षित अलग जगह पर रखती थी ताकि लेखिका के अन्य पालतू पशु गिल्लू को कोई नुकसान न पहुंच सकें।
इसके अलावा गिल्लू को कौओं से भी आपत्ति थी क्योंकि जब गिल्लू बेहद छोटा था तब कौओं ने ही गिल्लू को अपनी चोंचें मारकर घायल किया था। तब लेखिका ने हीं उन कौओं से गिल्लू के प्राणों की रक्षा की और गिल्लू को अपने घर में लाकर न केवल उसका उपचार लिया बल्कि उसे अपने घर में पाला भी।
‘गिल्लू’ रेखाचित्र लेखिका महादेवी वर्मा द्वारा लिखित एक संस्मरणात्मक पाठ है,जिसमें लेखिका ने गिल्लू नामक एक छोटी से गिलहरी के बारे में वर्णन किया जो लेखिका के घर में पालतू थी।
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‘गिल्लू’ पाठ में लेखिका की मानवीय संवेदना अत्यंत प्रेरणादायक है । टिप्पणी लिखिए ।