सआदत अली जैसे लोग देश के लिए इस प्रकार घातक हैं कि सआदत अली जैसे लोग अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उन्हें अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए अपने देश के मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ करना पड़े तो भी वह कर सकते है। सआदत अली जैसी महत्वाकांक्षी लोग सत्ता सुख और ताकत पाने के लिए कुछ भी गलत करने से नही चूकते।
सआदत जाली अली भी बहुत महत्वाकांक्षी था। उसकी महत्वाकांक्षा अवध का बादशाह बनने की थी वह अवध के नवाब आसिफउद्दौला का छोटा भाई था। आसिफउद्दौला की संतान न होने के कारण उसने ये सपना पाल रखा था कि आसिफउद्दौला के बाद वही अवध का नवाब बनेगा। लेकिन जब आसिफउद्दौल का पुत्र वजीर अली पैदा हो गया तो सआदत अली की अवध का नवाब बनने की महत्वाकांक्षा चूर-चूर हो गई। ऐसी स्थिति में उसने अवध का नवाब बनने के लिए अनेक तरह के षड्यंत्र रचने शुरू कर दिए। अपनी इसी महत्वाकांक्षा के कारण अवध की गद्दी पाने के लिए अंग्रेजों से जा मिला। उसने अंग्रेजों के साथ मिलकर अवध की सत्ता हथिया ली, जिस कारण वजीर अली को दर-दर भटकना पड़ा। उसने वजीर अली को पकड़ने के लिए अंग्रेजों को हर संभव सहायता प्रदान की। इस तरह अपने उसने देश से विश्वासघात किया और अंग्रेजों के साथ मिलकर अपने ही भतीजे का दुश्मन बन बैठा। इसलिए सआदत जैसे लोग देश के लिए बेहद घातक होते हैं।
संदर्भ पाठ
“कारतूस”, लेखक : हबीब तनवीर (कक्षा – 10, पाठ – 17, हिंदी, स्पर्श भाग 2)