धरती माता ऊँच-नीच का भेद इसलिए नहीं करती, क्योंकि वह धरती माता है और माता कभी अपनी संतान के साथ एक समान व्यवहार ही करती है।
माता अपनी संतान को समान भाव से प्रेम करती है। धरती के सभी प्राणी उसकी संतान के समान हैं. इसीलिए धरती माता सभी प्राणियों को एक दृष्टि से देखती है और ऊँच-नीच का भेद नही करती।धरती माता के लिए कोई भी प्राणी बड़ा-छोटा, ऊँचा-नीचा नहीं है। मनुष्य स्वयं को भले ही अमीर, सेठ, राजा माने लेकिन धरती माता के लिए वह केवल उसकी संतान है। केवल एक प्राणी है। धरती माता के लिए कोई अमीर नहीं, कोई गरीब नहीं क्योंकि जिस धन पर गर्व करके लोग स्वयं को अमीर मानते हैं, वह धन यहीं पर रह जाना है। वह धन धरती माता की ही धरोहर है। धरती माता जानती है कि कोई भी प्राणी अमीर-गरीब नहीं, क्योंकि उनके पास जो है, वह धरती माता का यह है। इसलिए धरती माता ऊँच-नीच का भेद नहीं करती।
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