समास-विग्रह इस प्रकार होंगे…
1. ज़ेबखर्च : जेब के लिए खर्च
समास भेद : तत्पुरुष समास (सम्प्रदान तत्पुरुष)
2, इडली-डोसा : इडली और डोसा
समास भेद : द्वंद्व समास
3. देशनिकाला : देश से निकाला
समास भेद : तत्पुरुष समास (अपादान तत्पुरुष)
4. हार-जीत : हार और जीत
समास भेद : द्वंद्व समास
5. राष्ट्रपिता : राष्ट्र के पिता
समास भेद : तत्पुरुष समास (संबंध तत्पुरुष)
6. देश-विदेश : देश और विदेश
समास भेद : द्वंद्व समास
अतिरिक्त जानकारी
- पहले पद में तत्पुरुष समास होगा। यहाँ पर तत्पुरुष समास का संप्रदान तत्पुरुष उपभेद लागू होगा। तत्पुरुष समास में द्वितीय पद प्रधान होता है। इसके उपभेद संप्रदान तत्पुरुष में ‘के लिए’ योजक चिन्ह का लोप हो जाता है।
- दूसरे पद में द्वंद्व समास होगा। द्वंद समास में दोनों पद प्रधान होते हैं। यहाँ पर इडली और डोसा दोनों पद प्रधान हैं। इनका समासीकरण करते समय उनके बीच का योजक चिन्ह का लोप हो जाता है।
- तीसरे पद में तत्पुरुष समास होगा। यहाँ पर तत्पुरुष समास का अपादान तत्पुरुष समास उपभेद लागू होगा, क्योंकि अपादान तत्पुरुष समास में अलग होने का बोध होता है, जिसे ‘से’ योजक चिन्ह द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। यहाँ पर ‘देश से निकाला’ में ‘देश से अलग’ होने का बोध हो रहा है, इसलिए यहाँ पर अपादान तत्पुरुष समास होगा।
- चौथे पद में द्वंद्व समास होगा। द्वंद्व समास में दोनों पद प्रधान होते हैं। हार और जीत में दोनों पद प्रधान हैं।
- पाँचवें पद में तत्पुरुष तत्पुरुष समास होगा। यहाँ पर तत्पुरुष समास का ‘संबंध तत्पुरुष’ उपभेद लागू होगा। संबंध तत्पुरुष में संबंध दर्शाया जाता है, जिन्हें ‘के’ योजक चिन्ह द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। यहाँ पर राष्ट्र का संबंध पिता के साथ प्रदर्शित किया गया है।
- देश और विदेश में द्वंद समास होगा। द्वंद समास में दोनों पद प्रधान होते हैं और देश और विदेश में भी दोनों पद प्रधान हैं।