‘प्रेमचंद के फटे जूते’ पाठ से आपको क्या शिक्षा मिलती है?

‘प्रेमचंद के फटे जूते’ पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जो प्रसिद्ध और ईमानदार व्यक्ति होते हैं, वह सादा जीवन और उच्च विचारों को प्राथमिकता देते हैं। उनके अंदर व्यर्थ का आडंबर नहीं होता। महान व्यक्तियों ने सदैव सादा जीवन शैली अपना कर लोगों को उच्च विचारों को अपनाने की प्रेरणा दी है। जो दिखावटी जीवन जीते हैं। वह वास्तव में उच्च चरित्र के लोग नहीं होते।

प्रेमचंद कितने बड़े महान साहित्यकार थे, यह सब को पता है। हिंदी साहित्य के अग्रणी पंक्ति के साहित्यकार होने के बावजूद भी उनका जीवन बिल्कुल सादगी से भरा पूरा था। यहां तक कि जब वह फोटो खिचंवाते हैं तो जैसी वेशभूषा में थे, उसी वेशभूषा में फोटो खिंचवा लेते हैं। उनके अंदर व्यर्थ का आडंबर और दिखावा नहीं था।

इसलिए यह पाठ हमें सादा जीवन जीने की प्रेरणा देता है, लेकिन इसके साथ ही साथ यह पाठ इस बात को भी इशारा करता है कि महान लोगों के द्वारा किए गए कार्यों के नाम पर लोग हजारों-लाखों रुपए कमाते हैं, वह महान व्यक्ति अपने जीवन काल में अभाव से ग्रस्त रहे या बिल्कुल सादा जीवन व्यतीत किया। उन्हें की द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर लोग अपनी जेब भर रहे हैं। इस तरह यह हमारे समाज के दो पहलुओं को उजागर भी करता है।

टिप्पणी

प्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई द्वारा रचित पाठ प्रेमचंद के फटे जूते  प्रेमचंद के अंतिम दिनों की परिस्थितियों पर आधारित एक व्यंग्यचित्र है। इस पाठ में उन्होंने प्रेमचंद के उस फोटो को आधार बनाकर व्यंग्य और कटाक्ष किया है, जिस फोटो में प्रेमचंद फटे जूते के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं। लेखक ने कहा है कि इतने महान साहित्यकार जिनकी साहित्यिक कृतियों के नाम पर लोग लाखों रुपए कमा रहे हैं, वह महान साहित्यकार अपने जीवन में कितने अभावों से ग्रस्त था कि उसके पास खरीदने के लिए फोटो खिंचवाते समय पहनने के लिए एक जोड़ी ढंग के जूते भी नहीं थे।

इस तरह यह पाठ एक व्यंग्यात्मक और कटाक्ष से परिपूर्ण पाठ है, जो समाज के दोहरे मापदंडों और कड़वी सच्चाई को उजागर करने के साथ-साथ सादा जीवन के महत्व को भी प्रकट करता है।


ये भी जानें…

‘बाबू गुलाब राय’ की रचना ‘मेरी असफलताएं’ किस विधा की रचना है?

Related Questions

Comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Questions