यासुकी चान जैसे शारीरिक चुनौतियों से जूझने वाले व्यक्तियों के लिए विद्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर विशेष सुविधाओं की आवश्यकता होती है। इन व्यक्तियों की सहायता के लिए सभी सार्वजनिक स्थानों पर अनेक विशेष सुविधाएं और संसाधनों को आवश्कता होती है। इन सबकी सूची इस प्रकार हो सकती है…
1. व्हीलचेयर : सभी सार्वजनिक स्थानों पर सभी प्रवेश द्वारों और निकास पर व्हीलचेयर की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि चलने-असमर्थ व्यक्ति को वहाँ पर आने-जाने में कोई असुविधा न हो।
2. लिफ्ट या एलिवेटर : सभी बहुमंजिला इमारतों में आसान आवागमन के लिए लिफ्ट या एलिवेटर अवश्य होनी चाहिए।
3. विशेष शौचालय : सभी सार्वजनिक स्थानों पर विशेष चुनौतियों वाले व्यक्तियों के लिए विशेष शौचालय होना चाहिए। ऐसे शौचालयों में व्हीलचेयर आसानी से आ जा सके। यहाँ सीढ़ियां नहीं बल्कि छलवाँ रैंप होना चाहिए जिससे व्हील चेयर आसानी से चढ़ सके।
4. ब्रेल साइनेज : सभी सार्वजनिक स्थानों पर दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए दिशा-निर्देश हेतु ब्रेल साइनेज की व्यवस्था होनी चाहिए।
5. श्रवण सहायक उपकरण : श्रवण बाधित व्यक्तियों के लिए श्रवण सहायक यंत्रों की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि उस सार्वजनिक स्थान पर मिलने वाले सूचना को वह समझ सकें।
6. समायोज्य डेस्क और कुर्सियां : सार्वजनिक स्थान जैसे विद्यालय आदि में विभिन्न प्रकार की शारीरिक चुनौतियों वाले छात्रों के लिए विशेष समायोज्य डेस्क और कुर्सियों की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि उन्हें बैठने में आसानी हो।
7. विशेष खेल उपकरण : विद्यालयों में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि विशेष चुनौती वाले छात्र खेलों में भाग ले सकें। इसके लिए समावेशी खेल गतिविधियां संबंधी उपकरणों की व्यवस्था होनी चाहिए।
8. टैक्टाइल पथ : सभी सार्वजनिक स्थलों पर दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए मार्गदर्शन संबंधी व्यवस्था होनी चाहिए।
9. अनुकूलित कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर : विभिन्न प्रकार की अक्षमताओं वालो व्यक्तियों के लिए अनुकूलित कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर की व्यवस्था होनी चाहिए।
10. विशेष पार्किंग स्थल : शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण व्यक्ति विशेष वाहनों का प्रयोग करते हैं। अतः सभी सार्वजनिक स्थलों पर उनकी सुविधा के लिए ऐसे विशेष पार्किंग स्थल होने चाहिए जहाँ पर वे अपना वाहन आदि पार्क करके आसानी से मुख्य स्थल तक पहुँच सकें।
11. हैंडरेल : गलियारों और सीढ़ियों पर चढ़ने में आसानी हेतु हैंडरेल लगी होनी चाहिए।
12. दरवाजों पर स्वचालित खोलने की व्यवस्था : सभी सार्वजनिक स्थलों विशेष चुनौती वाले व्यक्ति आसनी से प्रवेश कर सकें इसके लिए वहाँ पर स्वचलित दरवाजे होने चाहिए। उन्हें दरवाजे खोलने के लिए असुविधा न हो।
13. आपातकालीन अलार्म और प्रकाश व्यवस्था : अंधे व्यक्ति अपना रास्ता न भटक जाएं इसके लिए हर जगह आपातकालीन अलार्म होने चाहिए संकट आने पर वह सूचित कर सकें।
14. विशेष पुस्तकालय सामग्री : दृश्यबाधित लोगों के लिए सभी सार्वजनिक स्थलों पर ब्रेल पुस्तकें और ऑडियो बुक्स होनी चाहिए ताकि वह भी आसनी से उस स्थान के बारे में सूचना पा सकें।
15. सांकेतिक भाषा दुभाषिए : मूक-बधिर व्यक्तियों की सहायता के लिए सभी सार्वजनिक स्थलों पर कुछ कर्मचारीर ऐसे होने चाहिए जो सांकेतिक भाषा को समझ सकें। इस तर मूक-बधिर लोग भी अपनी बात को आसानी से कह समझ सकेंगे।
यह सूची विभिन्न प्रकार की शारीरिक चुनौतियों का सामना करने वाले व्यक्तियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इन सुविधाओं का उद्देश्य सभी के लिए शिक्षा और सार्वजनिक स्थलों तक समान पहुंच सुनिश्चित की जा सकती है।
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‘अपूर्व अनुभव’ पाठ में दूसरों की सहायता करने की प्रेरणा है। सिद्ध कीजिए।