अस्पताल से घर आने के बाद लेखक अपने बेडरूम में नहीं बल्कि अपने पुस्तकालय में रहा, क्योंकि लेखक को पुस्तकों से बेहद प्रेम था।
‘मेरा छोटा निजी पुस्तकालय’ में लेखक धर्मवीर भारती का सन 1989 में जबरदस्त हार्ट अटैक के बाद ऑपरेशन हुआ था। डॉक्टरों ने जैसे तैसे उनके हृदय का ऑपरेशन किया था लेकिन उनका इस प्रक्रिया में उनका 60% ह्रदय सदा के लिए नष्ट हो गया था और केवल 40% हृदय ही बचा था। उन्हें सख्त बेड रेस्ट की हिदायत थी। ऐसी स्थिति में ऑपरेशन के बाद घर को आए और उन्होंने अपने बेडरूम में ना रहकर अपने में रहने की जिद की और फिर वह वहीं पर अपने पुस्तकालय में रहते और पुस्तकों को देखते रहते थे। बायीं ओर की खिड़की से हवा आती रहती थी और हजारों पुस्तकों में उन्होंने अपने जीवन को समेट लिया था।
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