रजनी ⦂ (फोन की घंटी, टर्न टर्न ) हेल्लो, कौन बोल रहा है।
सोनिया ⦂ हैलो, मैं सोनिया बोल रही हूँ।
रजनी ⦂ अरे! क्या बात है आज इतने दिनों के बाद तुम्हें मेरी याद कैसे आ गई, तुम तो मुझे भूल ही गई हो ।
सोनिया ⦂ ऐसी बात नहीं है, तुम तो मेरी सबसे पक्की सहेली हो, मैं भला तुम्हें कैसे भूल सकती हूँ ।
रजनी ⦂ जब से तुम्हारे पिता जी का तबादला दिल्ली हुआ है तुम तो दिल्ली की होकर के रह गई हो । अब बताओ सिक्किम कब आओगी ?
सोनिया ⦂ गर्मियों की छुट्टियों में आऊँगी, तब खूब मज़े करेंगे ।
रजनी ⦂ अच्छा बताओ दिल्ली मैंने सुना है दिल्ली में बहुत प्रदूषण है ।
सोनिया ⦂ प्रदूषण, आजकल कहाँ नहीं है ? दुनिया का कोई सा कोना है जो प्रदूषण से अछूता है ।
रजनी ⦂ यह तो तुम ठीक कह रही हो ।
सोनिया ⦂ रजनी दिल्ली बहुत खूबसूरत है यहाँ पर लाल किला है, कुतुब मीनार,इंडिया गेट, अक्षरधाम मंदिर, राष्ट्रपति भवन, लोटस मंदिर,राज घाट और भी बहुत से दर्शनीय स्थल है और वह सभी बहुत ही खूबसूरत है ।
रजनी ⦂ यह लोटस मंदिर है क्या और ये राज घाट क्या है ?
सोनिया ⦂ लोटस मंदिर, कमाल के आकार का है और राज घाट, काले रंग के संगमरमर से बनी महात्मा गांधी जी की समाधि है जिस पर उनके कहे अंतिम शब्द ‘हे राम’ उद्धत है । अब यह जगह एक सुन्दर उद्यान का रूप ले चुका है ।
रजनी ⦂ मैंने सुना है कि कुतुब मीनार की ऊंचाई बहुत ज़्यादा है, क्या तुमने कुतुब मीनार देखा है ?
सोनिया ⦂ हाँ, मैंने कुतुब मीनार देखा और जब उसे पहली बार देखा तो बस देखती ही रह गई उसकी ऊंचाई 73 मीटर है । और मैं इंडिया गेट भी देखने गई थी जो मूल रूप से अखिल भारतीय युद्ध स्मारक कहा जाता है । इसकी ऊंचाई भी 42 मीटर है । यहाँ पर और भी बहुत सी ऐतिहासिक और पौराणिक इमारतें है जिनकी कोई न कोई कहानी है ।
रजनी ⦂ वाह ! क्या बात है, अब तो मेरा भी मन कर रहा है कि मैं भी दिल्ली घूमने आऊँ ।
सोनिया ⦂ हाँ – हाँ, वैसे भी अगले महीने तुम्हारी छुट्टियाँ होने वाली है तो इस बार तुम दिल्ली आ जाओ मैं तुम्हें पूरा दिल्ली घूमा दूंगी ।
रजनी ⦂ ठीक है,तो मैं आज ही पिता जी से बात करती हूँ तुम्हारे पास आने के लिए ।
सोनिया ⦂ ठीक है, तो मैं तुम्हारे फोन का इंतज़ार करूँगी ।