संवाद लेखन
नेता और मतदाता के बीच संवाद
नेता जी : (हाथ जोड़कर) नमस्कार भाई साहब। कैसे हैं आप? अगले हफ्ते हमारे क्षेत्र में मतदान है। हमें वोट देना न भूलना। आपकी कृपा के कारण ही हम चुनाव जीतकर आपकी सेवा करने के लायक बन पाते हैं। हमने इस क्षेत्र के विकास के लिए अपनी पूरी जान लगा दी है।
मतदाता : (गुस्से में) हाँ, आप हमारे कारण चुनाव जीते थे, लेकिन आपने हमारे लिए कुछ नहीं किया। ना तो सड़कें बनवाई , ना स्कूल की नई इमारत का निर्माण करवाया। जिसका की आपने वादा किया था। आपनी बिजली का इंतजाम भी नहीं किया। पानी के नल भी नहीं लगवाए।
नेता जी : (आश्वासन देते हुए) पिछली बार फंड कम था लेकिन अबकी बार जीतने पर यही काम सबसे पहले करवाऊँगा।
मतदाता : (व्यंग्य कसते हुए) लेकिन आपने अपने मोहल्ले के तो सारे काम करवाए हैं। हमारे यहाँ पानी पीने को भी नहीं मिलता। हमें पानी लाने के लिए एक मील दूर जाना पड़ता है और आपने अपने घर के आँगन में पानी का फवारा लगवा रखा है।
नेता जी : अरे! आप लोग नाराज़ ना हो। अब ऐसा नहीं होगा। मैं इस बार सबसे पहले आप सब का ही काम करवाऊँगा।
मतदाता : नेता जी, आपने अपने विकास के लिए हम पर कर लगाए। महँगाई बढ़ाई और अपने गोदाम में जमाखोरी करवाई। आपने हमारे साथ विश्वासघात किया है।
नेता जी : (सर को हिलाते हुए) नहीं-नहीं, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यह विरोधी पक्ष की चाल हमें बदनाम करनें की। आप नाराज मत हो। आप तो हमारी जनता जनार्दन हो। हम आपके साथ कभी भी विश्वासघात नहीं कर सकते।
मतदाता : हम अब अपने वोट की कीमत जान चुके हैं। हम केवल शिक्षित और कर्मठ नेता को ही अपना वोट देंगे।
नेता जी : (शर्मिंदा होते हुए, हाथ जोड़ कर) आप हमें एक मौका और देकर देखें, हम आपको निराश नहीं करेंगे। हम वादा करते हैं।
मतदाता : (दरवाज़ा बंद करते हुए ) ठीक है हम देखेंगे।