संवाद लेखन
परीक्षा में सफल होने पर पिता द्वारा शुभकामनाएँ देते हुए पिता-पुत्र के बीच संवाद
पिता ⦂ बेटा, राहुल। आज मैं बहुत खुश हूँ। परीक्षा में तुम्हारी सफलता से मेरा मन अभिभूत है। मेरी तरफ से तुम्हें हार्दिक शुभकामनाएं।
पुत्र ⦂ धन्यवाद पिताजी, यह सब आपके और माँ के आशीर्वाद के कारण ही संभव हो पाया है। आप लोगों ने सदैव मुझ में अपना विश्वास बनाए रखा, इसी कारण में सफल हो पाया।
पिता ⦂ यह तुम्हारे परिश्रम का परिणाम है। जब तक हम परिश्रम नहीं करेंगे हमें सफलता नहीं मिल सकती। तुमने अपनी पढ़ाई में कठोर परिश्रम किया, इसीलिए तुम्हें आज परीक्षा में सफलता प्राप्त हुई।
पुत्र ⦂ परंतु पिताजी आप लोगों ने मुझे हर तरह की सुख सुविधा उपलब्ध कराई। मुझे मेरी पढ़ाई में आप लोगों ने कोई भी कमी नहीं आने दी। यह बात भी बहुत महत्वपूर्ण है। आप लोगों ने पढ़ाई के हर विषय में मेरा सहयोग किया, इसी कारण में सफल हो पाया।
पिता ⦂ बेटा, हम लोगों का साथ और आशीर्वाद सदैव तुम्हारे साथ रहेगा। हम लोग ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि तुम आगे अपने जीवन में हर क्षेत्र में यूं ही सफल होते रहो। अगली कक्षा की परीक्षा में भी तुम यूं ही प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हो ऐसा मेरा आशीर्वाद है।
पुत्र ⦂ जी पिताजी, मैं आपको वचन देता हूँ, कि मैं अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करूंगा और आप लोगों की आशाओं पर खडा उतरने का प्रयत्न करूंगा।
पिता ⦂ मेरा शुभ आशीर्वाद तुम्हारे साथ है। आने का समय हो गया है हम सब लोग खाना खाते हैं तुम्हारी माँ इंतजार कर रही हैं।
पुत्र ⦂ जी पिताजी।