निबंध
लोकतंत्र का चुनाव में महत्व
लोकतंत्र में चुनाव का बेहद अधिक महत्व है। बिना चुनाव के कोई भी लोकतंत्र कायम नहीं रह सकता। चुनाव लोकतंत्र की आत्मा है। यह लोकतंत्र के मूल अवधारणा है। लोकतंत्र चुनाव पर ही टिका होता है। लोकतंत्र का अर्थ यही है जनता द्वारा अपने लिए योग्य और पसंद का प्रतिनिधि का चुनाव करना और जनता द्वारा प्रतिनिधित्व चुने गए प्रतिनिधि द्वारा शासन चलाना। अपने पसंद का जन प्रतिनिधि चुन जाने की प्रक्रिया ही चुनाव कहलाती है।
लोकतंत्र का विकास की चुनाव की अवधारणा के तहत ही हुआ है। जनता अपने प्रतिनिधि को अपनी इच्छा अनुसार चुनौती है और वह प्रतिनिधि जनता का प्रतिनिधित्व करते हुए शासन व्यवस्था के संभालते हैं। चुनाव लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यदि किसी लोकतंत्र में चुनाव कराने बंद कर दिए जाएं वह लोकतंत्र नहीं कहलाएगा। चुनाव विहीन लोकतंत्र फिर लोकतंत्र नही रहता वह मर जाता है।
चुनाव द्वारा जनता जनप्रतिनिधि को चुनकर एक निश्चित अवधि के लिए ही जन-प्रतिनिधि के हाथ में यह शक्ति देती है। उसे निश्चित शासन काल में जन प्रतिनिधि को अपनी कुशल शासन व्यवस्था द्वारा जनता को अपनी कुशलता को सिद्ध करना होता है। यदि वह शासन करने में सफल नहीं हो पता तो जनता अगले चुनाव में उसे हटाकर दूसरे किसी प्रतिनिधि को मौत का देती है।
लोकतंत्र की यह प्रक्रिया चलती रहती है। चुनाव इसी प्रक्रिया का अहम चरण होता है। यदि चुनाव ही नहीं होगा तो जनता को अयोग्य प्रतिनिधि को हटाने का अवसर ही नहीं मिलेगा और वह अयोग्य प्रतिनिधि शासन व्यवस्था में बना रहेगा, जिससे लोकतंत्र समाप्त हो जाएगा और अपनी मनमर्जी से शासन करने लगेगा।
यदि लोकतंत्र में नियमित रूप से चुनाव होते रहेंगे तो जनप्रतिनिधि के मन में रहता है कि अगली बार उसने कुछ गलत किया तो अगली बार जनता उसे नहीं चुनेगी। इससे वो निरंकुश नही हो पाएगा।
चुनाव लोकतंत्र को स्वस्थ बनाए रखते हैं। ये लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखते हैं। इसलिए लोकतंत्र में चुनाव का विशेष महत्व है। लोकतंत्र में केवल चुनाव ही नही बल्कि निष्पक्ष चुनाव भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। एक पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव ही लोकतंत्र को सार्थक करते हैं।
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