संवाद लेखन
एक किसान और युवक के बीच संवाद
युवक : (गाड़ी से उतर कर) राम-राम रामू काका, कैसे हो ?
किसान : बस राम जी की कृपा है, तुम कैसे हो बेटा, शहर से कब आए
युवक : कल ही आया था। काका आप इतनी सुबह-सुबह यहाँ क्या कर रहे हो ?
किसान : (आसमान की और देखते हुए ) बहुत दिनों से बारिश नहीं हुई है। इसलिए खेतों की सिंचाई करने आया हूँ ताकि कहीं फसलें बर्बाद ना हो जाए।
युवक : (इधर-उधर देखते हुए) लेकिन काका यहाँ पर तो दूर-दूर तक कोई झील या तालाब भी नहीं है। आप सिंचाई कैसे करोगे ?
किसान : जल संचयन के द्वारा।
युवक : (बड़ी ही हैरानी के साथ ) काका,यह जल संचयन क्या होता है ?
किसान : (मुस्कुराते हुए) जल संचयन का मत्ब्लब होता हे बारिश के पानी को अलग-अलग तरीकों से संचित करना या बचना। तालाब या झील के अलावा भी ज़मीन के नीचे बनाए गए टैंक के ज़रीए भी जल का संचयन किया जा सकता है। जल संचयन को इंग्लिश में water harvesting कहते है।
किसान : (प्यार से समझाते हुए) बेटा आप चाहे कहीं भी पढ़ते हो, कहीं भी रहते हो, पर याद रखो कि हमारी मातृभाषा हिन्दी है और वह हमें ज़रूर आनी चाहिए।
युवक : जी काका, मैं आपकी बात हमेशा याद रखूँगा।