हिंदी पत्र लेखन
पिता को धन्यवाद करते हुए पत्र
दिनांक : 1 मई 2024
आदरणीय पिताजी,
चरण स्पर्श,
मैं आज बहुत खुश हूँ कि आपने मेरी मन की इच्छा को पूरा किया। पिताजी मुझे अपनी खुद की साइकिल होने की बड़ी इच्छा थी। मैं अपने दोस्तों को साइकिल चलाता देखता था तो मेरा मन भी साइकिल चलाने को करता था। घर से मेरा विद्यालय दूर है। मेरे सारे साथी छात्र अपनी अपनी साइकिल से विद्यालय आते हैं।
मुझे भी घर से विद्यालय साइकिल से जाने का मन करता था। इसके अलावा शहर में अन्य जगह पर जाने के लिए भी मुझे साइकिल की आवश्यकता थी। साइकिलिंग करना हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा है। आपने मेरे मन की इच्छा को पूरा कर दिया और मुझे साइकिल दिला दी। पिताजी, मेरी इस इच्छा को पूरा करने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।
पिताजी, मुझे पता है कि इस बार कक्षा में मेरे प्रथम आने पर ही आपने मुझे साईकिल दिलाई है। मैं आपको वचन देता हूँ कि मैं आगे और अच्छी तरह पढ़ाई करूंगा और आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरूंगा। मैं आपका भी वचन देता हूँ कि मैं साइकिल को बेहद सुरक्षित तरीके से चलाया करूंगा ताकि कोई दुर्घटना न हो। पिताजी, आपको पुनः धन्यवाद।
आपका पुत्र,
हिमांशु ।
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