44, आदर्श सोसायटी, वीरमगाम से निकिता मुंबई-निवासिनी अपनी सखी को ‘मोबाइल के लाभ-हानि’ बताते हुई पत्र लिखती है।

हिंदी पत्र लेखन

सखी को ‘मोबाइल के लाभ-हानि’ बताते हुई पत्र

 

दिनांक : 15 अप्रेल 2024

 

निकिता,
44, आदर्श सोसायटी,
वीरमगाम

शर्मिला चौधरी,
204/12, योगधाम सोसायटी,
गोरेगाँव – पश्चिम (मुंबई)

प्रिय सखी शर्मिला,
तुम कैसी हो? तुम्हारा स्वास्थ्य कैसा है? मुझे पता चला है कि तुम आजकल मोबाइल पर बहुत अधिक व्यस्त रहती हो। तुम मोबाइल का जरूरत से ज्यादा उपयोग करने लगी हो, इसीलिए एक अच्छी मित्र होने के नाते मैं तुम्हें मोबाइल के लाभ और हानि से अवगत कराना चाहती हूँ, ताकि तुम मोबाइल के लाभ के अलावा मोबाइल से होने वाली हानियों को भी जान सको और मोबाइल का उपयोग करने के समय को सीमित कर सको।

तुम जानती हो कि आजकल तकनीक और डिजिटल युग है और मोबाइल आज के समय में सबसे बड़ा क्रांतिकारी उपकरण बनकर हम सबके जीवन का आवश्यक अंग बन गया है। आज हर किसी के व्यक्ति के पास मोबाइल है। इस मोबाइल से हमें अनेक तरह के लाभ प्राप्त हो रहे हैं। चाहे वह एक दूसरे से संपर्क करना हो अथवा छोटे-मोटे तकनीकी संबंधी कार्य करना हो, किसी को पैसे भेजना हो, फोटो क्लिक करना हो, वीडियो बनाना हो। इन सब महत्वपूर्ण कार्यों के लिए मोबाइल के माध्यम से सारे कार्य किया जा सकते हैं। ये तो मोबाइल के लाभ हो गए।

अब हमें मोबाइल से होने वाली हानियां भी जान लेनी चाहिए। मोबाइल से हमें अनेक तरह की हानियां भी होती हैं। हमेशा मोबाइल पर व्यस्त रहने से हमारी आँखों पर दुष्प्रभाव पड़ता है। लगातार मोबाइल की स्क्रीन को देखते रहने से आँखों पर बुरा असर पड़ता है। मोबाइल पर गेम खेलने की लत लग जाती है, जिस कारण पढ़ाई चौपट होती है।

सोशल मीडिया पर बिजी रहना भी मोबाइल के बुरे प्रभावों में से एक है। मोबाइल पर अनेक तरह की गलत सामग्री को देखना भी मोबाइल से होने वाली हानियों का एक प्रकार है, जिससे अनेक युवा गलत बाते सीखते हैं। इस तरह मोबाइल के अनेक लाभ और हानियां हैं। यह हमारे विवेक के ऊपर है कि हम मोबाइल का किस तरह उपयोग करते हैं। मेरे विचार में हमें मोबाइल का एक सीमित उपयोग करना चाहिए और अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए केवल अच्छे और सकारात्मक उद्देश्य के लिए ही मोबाइल का उपयोग करना चाहिए।

आशा है, तुम मेरे इस पत्र में कही गई बातों को समझ सकी होगी और मोबाइल के लाभ और हानि दोनों को जानकर अपने विवेक से मोबाइल का सही इस्तेमाल करने के बारे में सोचोगी।

तुम्हारी सहेली,
निकिता,
44, आदर्श सोसायटी,
वीरमगाँव (गुजरात) ।


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