संवाद लेखन
चॉक और ब्लैकबोर्ड के बीच संवाद
चॉक ⦂ नमस्कार ! भाई ब्लैकबोर्ड, कैसे हो ?
ब्लैकबोर्ड ⦂ नमस्कार ! मैं ठीक हूँ , तुम बताओ कैसे हो ?
चॉक ⦂ क्या बताऊँ भाई आज बहुत ज़्यादा थक गया हूँ और थोड़ा घिस भी गया हूँ।
ब्लैकबोर्ड ⦂ हाँ मैंने देखा आज पूरा दिन तुम्हारा बहुत ज्यादा इस्तेमाल हुआ है।
चॉक ⦂ मेरी छोड़ो तुम बताओ तुम्हारा क्या हाल है।
ब्लैकबोर्ड ⦂ मेरा हाल भी तुम्हारे जैसा ही है , मैं भी आज बहुत घिस गया हूँ।
चॉक ⦂ वैसे जब से तुम पर रंग किया है, तबसे तुम बहुत सुन्दर दिखाई दे रहे हो, चलो थोड़ा आराम कर लो। वैसे भी कल मेरी जगह कोई और चॉक ले लेगा।
ब्लैकबोर्ड ⦂ हाँ, दिल छोटा मत करो दोस्त, बस इतना याद रखो की हमारे कारण बच्चे कुछ सीख रहे हैं। जब तुम्हारे द्वारा मुझ पर शब्द लिखे जाते है तो वह सब के काम आते है।
चॉक ⦂ हाँ भाई यह देख कर बहुत खुशी होती है।
ब्लैकबोर्ड ⦂ बिल्कुल सच कहा दोस्त हमें इस बात से खुश होना चाहिए की हम कम से कम किसी के काम तो आ रहे हैं और यही तो जीवन है जो किसी के काम आए।
चॉक ⦂ यह जीवन भी कोई जीवन है , सुबह तक तो मैं बिल्कुल ठीक था और अब मेरी हालत देखो मुझे कितना दर्द हो रहा है।
ब्लैकबोर्ड ⦂ मैं तुम्हारा दर्द समझ सकता तुम्हें तो केवल आज ही यह दर्द सहना पढ़ रहा है। ज़रा मेरी तरफ देखो। मैं तो ना जाने कितने वर्षों से यहाँ लटका हुआ हूँ और मुझे तो हर रोज़ यह दर्द सहन करना पड़ता है।
चॉक ⦂ तुम्हें फिर भी कोई शिकायत नहीं।
ब्लैकबोर्ड ⦂ नहीं, बिल्कुल नहीं क्यूंकि मुझे अपना महत्व पता है। मैं जानता हूँ कि जब भी मुझ पर तुम्हारे द्वारा (चॉक से) लिखा जाता है तो वह बच्चों के काम आता है। वो इन्हें पढ़ कर डॉक्टर, वैज्ञानिक, पुलिस कर्मी, शिक्षक, वकील, नेता और भी न जाने क्या-क्या बनते हैं तो मुझे स्वयं पर गर्व होता है।
चॉक ⦂ तुमनें सही कहा भाई तुम्हारी बातें सुनकर तो अब तो मेरा दर्द भी कम हो गया है और मुझे भी खुद पर गर्व हो रहा है। आज मुझे एहसास हुआ कि हम ज्ञान का प्रसार करने में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।