संवाद लेखन
वृक्षारोपण के संबंध में पिता पुत्र के बीच संवाद
पुत्र: पिता जी, कल हमारी पाठशाला में वृक्षारोपण का कार्यक्रम रखा गया है।
पिता: बहुत बढ़िया।
पुत्र: पिता जी, वृक्षारोपण करके हमें क्या फायदा होगा।
पिता: बेटा, पेड़ हमें आक्सीजन, भोजन स्वच्छ हवा और गर्मी से भी राहत देते हैं और मतलब पेड़ो का हमारे जीवन बहुत महत्व है।
पुत्र: पिता जी, क्या पेड़ हमें सबसे स्वच्छ हवा देते हैं।
पिता: हाँ, पेड़ हमें स्वच्छ और निर्मल हवा देते हैं।
पुत्र: पिता जी, पेड़ तो निर्जीव होते हैं तो यह क्यों कहा जाता है कि पेड़ धरती पर हरियाली लाते हैं और गंदी हवा खुद खींच लेते हैं।
पिता: बेटा, यह गलत है, पेड़ भी सजीव होते हैं और जितने ज्यादा पेड़ पौधे होंगे उतनी ही धरती पर हरियाली और खुशहाली बनी रहती है।
पुत्र: पिता जी, पेड़ हमें और क्या-क्या देते हैं
पिता: पेड़ से हमें फल ,फूल , लकड़ी ,कागज ,रबर प्राप्त होती है।
पुत्र: क्या पेड़ों से दवाइयाँ भी बनती हैं।
पिता: हाँ बेटा, पेड़ो से कई तरह की जड़ी बूटियां तैयार की जाती हैं।
पुत्र: पिता जी, हमारे शिक्षक हमें बता रहे थे कि पेड़ हमारी आजीविका का भी एक बड़ा साधन हैं।
पिता: सही कहा, पेड़ हमारी जीविका का एक बहुत महत्वपूर्ण साधन है, पेड़ों की लकड़ी बेच कर कई लोग अपनी जीविका कमाते हैं और मकान बनाने के लिए भी हमें लकड़ी पेड़ों से ही मिलती है। पेड़ों से हमारे घरों का फर्नीचर बनता है।
पुत्र: पिता जी, क्या पेड़ हमें बाढ़ के प्रकोप से भी बचते हैं।
पिता: हाँ, पेड़ मिट्टी में अपनी पकड़ मजबूत रखते हैं और मिट्टी को बहने नहीं देते और पानी के बहाव को भी कम करते हैं।
पुत्र: मतलब पेड़ नहीं होंगे, तो हमारा अस्तित्व भी नहीं होगा।
पिता: हाँ बेटा, पेड़ नहीं होंगे तो इंसान का अस्तित्व बिलकुल खत्म हो जाएगा।
पुत्र: ठीक है पिताजी, तब तो मैं बड़े जोश से इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लूँगा और खूब सारे पेड़ लगाऊँगा।