भारत का संविधान निर्माता डॉक्टर ‘भीमराव अंबेडकर’ को कहा जाता है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भारत के संविधान का निर्माता इसलिए कहा जाता है, क्योंकि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में ही बनी ड्राफ्टिंग कमिटी ने ही संविधान का मसौदा तैयार किया था और उसे अंतिम प्रारूप दिया था। यही संविधान 26 नवंबर 1949 को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया तथा 26 जनवरी 1950 को आधिकारिक रूप से भारत में लागू कर दिया गया। फिर भारत एक स्वतंत्र गणराज्य बना। इसी कारण 26 नवंबर को संविधान दिवस तथा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत के संविधान के निर्माण की प्रक्रिया में भारत की ड्राफ्टिंग कमेटी यानी प्रारूप समिति में कुल 7 लोग थे, लेकिन उसके अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर थे और कमेटी में सबसे अधिक कार्य उन्होंने ही किया था। इसी कारण संविधान के प्रारूप का सारा मसौदा तैयार करने का अधिकतर श्रेय उन्हें ही जाता है। यही कारण था उन्हें भारत के संविधान का निर्माता कहा जाता है।
भारत के संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी में जो 7 सदस्य थे उनमें से एक ने त्यागपत्र दे दिया था। दूसरे सदस्य की बाद में मृत्यु हो गई। तीसरे सदस्य अमेरिका चले गए। चौथे सदस्य अन्य कार्यों में व्यस्त होने के कारण अधिक समय नहीं दे पाए। पाँचवें और छठे सदस्य अलग-अलग कारण और सेहत आदि के कारण संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के कार्यों में अधिक समय नहीं दे पाए। अधिकतर कार्य डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को ही करना पड़ा। इसी कारण सारा श्रेय उन्हें जाता है और उन्हें भारत के संविधान का निर्माता कहा जाता है।