वास्कोडिगामा को भारत पहुंचने में मदद करने वाले व्यापारी का नाम ‘कानजी भाई’ था।
कानजी भाई एक गुजराती व्यापारी थे, जिन्होंने भारत वास्कोडिगामा को भारत पहुंचने में मदद की थी।
कानजी भाई उस समय एक प्रसिद्ध व्यापारी थे और अक्सर समुद्री यात्राएं करते रहते थे। वह नियमित रूप से समुद्री मार्ग से अफ्रीका की ओर जाते रहते थे। इसी क्रम में उनकी मुलाकात वास्कोडिगामा से हो गई और उन्होंने ही 20 मई 1498 को वास्कोडिगामा को कालीकट बंदरगाह तक पहुंचने में मदद की थी।
वास्कोडिगामा एक पुर्तगाली नागरिक था वह प्रथम यूरोपियन व्यक्ति था, जिसने भारत की भूमि पर कदम रखा।
वास्कोडिगामा 15वीं शताब्दी में भारत आया था। उसके बाद भारत आता जाता रहा। कानजी भाई ने जिस तरह वास्कोडिगामा की भारत पहुंचने में मदद की, उससे वास्कोडिगामा बेहद खुश हुआ और उसने कानजीभाई को पुर्तगाल आने का निमंत्रण भी दिया था।