क्रॉस-टॉक क्रॉस-टॉक (Cross Talk) से तात्पर्य उस स्थिति से है, जब नेटवर्किंग के लिए प्रयोग किए जाने वाले संचरण माध्यम ट्विस्टेड पेअर केबल, जिसमें दो अलग-अलग इंसुलेटेड (पृथक्कत्) और तांबे के तार लगे होते हैं जो एक दूसरे से कुंडलीनुमा स्थिति में लिपटे होते हैं। तारों को इस तरह लपेटने का मुख्य उद्देश्य विद्युत प्रतिरोध को कम करना होता है। इस तरह लिपटे दोनों तारों में विद्युत ऋण के एक दूसरे के विपरीत होने के कारण इनका वास्तविक प्रभाव कम हो जाता है। इस तरह की स्थिति को क्रॉस टॉक (Cross Talk) कहते हैं।
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