कारतूस : हबीब तनवीर (कक्षा-10 पाठ-14 हिंदी स्पर्श 2) (हल प्रश्नोत्तर)

NCERT Solutions (हल प्रश्नोत्तर)

कारतूस : हबीब तनवीर (कक्षा-10 पाठ-14 हिंदी स्पर्श 2)

KARTOOS : Habib Tanvir (Class-10 Chapter-14 Hindi Sparsh 2)


कारतूस : हबीब तनवीर

पाठ के बारे में…

हबीब तनवीर द्वारा लिखे गए इस पाठ में वजीर अली नामक एक ऐसे जांबाज व्यक्ति के कारनामों का वर्णन किया है, जो अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालना चाहता था। अपने भी कारनामों से उसने ईस्ट इंडिया कंपनी के अफसरों की नींद हराम कर दी थी। वह बेहद दिलेर और निडर व्यक्ति था जो शेर की मांद में पहुंचकर उसका मुकाबला करने का साहस रखता था। अंग्रेज भारत में व्यापारी बनकर आए और फिर भारत पर ही राज करने लगे। उन्होंने धीरे-धीरे भारत की रियासतों पर भी कब्जा जमाना शुरू कर दिया। वजीर अली की रियासत भी अंग्रेजो के कब्जे में आ गई  थी। वजीर अली ने अंग्रेजों को हिंदुस्तान से खदेड़ने का बीड़ा उठा लिया था।

लेखक के बारे में…

हबीब तनवीर एक प्रसिद्ध नाटककार, कवि, पत्रकार, अभिनेता, नाट्य निर्देशक आदि रहे हैं। उनका जन्म 1923 में छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुआ था। हबीब तनवीर की प्रमुख कृतियों में आगरा बाजार, चरणदास चोर, देख रहे हैं नैन, हिरमा की अमर कहानी आदि के नाम प्रमुख हैं। उन्होंने अनेक नाटकों का आधुनिक रूपांतरण भी किया था, जिसमें मुद्राराक्षस, वसंत ऋतु का सपना, शाजापुर की शांतिबाई, मिट्टी की गाड़ी के नाम प्रमुख है।  हबीब तनवीर को पद्मश्री कैसे पुरस्कार भी प्राप्त हो चुका है। उनका निधन 2009 में हुआ।



हल प्रश्नोत्तर

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1 : कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में क्यों लगा हुआ था?

उत्तर : कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में इसलिए लगा हुआ था क्योंकि उसे वजीर अली को गिरफ्तार करना था। इसी कारण करना कालिंज ने अपने साथियों सहित जंगल में अपना खेमा लगा रखा था ताकि वो वजीर अली के उधर आने पर उसे तुरंत पकड़ सके।


प्रश्न 2 : वज़ीर अली से सिपाही क्यों तंग आ चुके थे?

उत्तर : वजीर अली से सिपाही इसलिए तंग आ गए थे क्योंकि वजीर अली को वर्षों के प्रयास के बाद भी पकड़ नहीं पाए थे। जब भी वह वजीर अली को पकड़ने का प्रयास करते वह उनकी आंखों में धूल झोंक कर फरार हो जाता था। उसमें सिपाहियों की नाक में दम कर रखा था इसीलिए सिपाही वजीर अली से तंग आ चुके थे।


प्रश्न 3. कर्नल ने सवार पर नज़र रखने के लिए क्यों कहा?

उत्तर : कर्नल में सवार पर नजर रखने के लिए इसलिए कहा क्योंकि कर्नल को अंदाजा हो गया ताकि सवार वजीर अली को ढूंढ रहे हैं। उनके जाने की दिशा से कर्नल को वजीर अली के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त हो सकती थी। इसलिए कर्नल ने सवाल पर नजर रखने के लिए कहा।


प्रश्न 4 : सवार ने क्यों कहा कि वज़ीर अली की गिरफ़्तारी बहुत मुश्किल है?

उत्तर : सवार ने कर्नल से ऐसा इसलिए कहा कि वजीर अली की गिरफ्तारी बहुत मुश्किल है, क्योंकि सवार स्वयं वजीर अली ही था। इस बात का कर्नल को पता नहीं था।

वजीर अली सैनिक का वेश बदलकर कर्नल के पास कारतूस मांगने आया था। कर्नल ने उसे वजीर अली का कोई दुश्मन समझा और उसे इसलिए कारतूस दे दिए ताकि उसे उस सवार से वजीर अली के बारे में कुछ मालूम पड़ सके। जब कर्नल ने सवार से वजीर अली का जिक्र किया तो सवार जो कि स्वयं बजे वजीर अली ही था उसने कर्नल से कहा कि वजीर अली को पकड़ना मुश्किल है। अली स्वयं के बारे में जानता था और वह बहुत जांबाज सिपाही भी था, इसीलिए उसने ऐसा कहा था।



लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए

प्रश्न 1 : वज़ीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी?

उत्तर : वजीर अली के कारनामें सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद इसलिए आ जाती थी, क्योंकि दोनों में बेहद समानताएं थी। वजीरअली रॉबिनहुड की तरह बेहद साहसी बेहद निडर और हिम्मतवाला व्यक्ति था। वह कर्नल और ईस्ट इंडिया कंपनी के अफसरों की पकड़ में कभी भी नहीं आता था। उसने कंपनी के घर में घुसकर ही कंपनी के वकील को मार डाला था। उसकी बहादुरी का आलम यह था कि वह कर्नल के खेमे में घुसकर उससे कारतूस तक मांग लाया था। उसके बहादुरी के किस्से बिल्कुल रॉबिनहुड के किस्सों से मिलते-जुलते थे। इसी कारण उसकी बहादुरी के किस्से सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद आ जाती थी।


प्रश्न 2 : सआदत अली कौन था? उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा?

उत्तर : सआदत अली वजीर अली का रिश्ते में चाचा लगता था। वह नवाब आसिफउद्दौला का भाई था। आसिफउद्दौला के बहुत समय बीत जाने पर भी कोई संतान नहीं हुई तो सआदत अली आसिफउद्दौला के बाद स्वयं को अवध रियासत का भावी नवाब मानने लगा था। लेकिन बाद में वजीर अली का जन्म आसिफउद्दौला की संतान के रूप में हो गया।  इस तरह सआदत अली के अवध के नवाब बनने के सपनों पर पानी फिर गया। इसी कारण वह वजीर अली को अपना दुश्मन मानने लगा था।


प्रश्न 3 : सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या मकसद था?

उत्तर : सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का मुख्य मकसद अवध की सत्ता पर ईस्ट इंडिया कंपनी का नियंत्रण स्थापित करना था। सआदत अली अंग्रेजों का पिट्ठू था। वह अंग्रेजों की हाँ में हाँ मिलाता था। करनाल और सआदत अली में दोस्ती थी। जब सआदत अली अवध के तख्त पर बैठा तो उसने आधी संपत्ति और दस लाख रुपये अंग्रेजों को दे दिए। अंग्रेजों को सआदत अली को गद्दी पर बैठाने से लाभ ही लाभ हो रहा था। इस तरह सहादत अली के माध्यम से अवध की पूरी रियासत को हथियाना चाहते थे। सआदत अली एक ऐसो आराम पसंद व्यक्ति था और जिसके सहारे अंग्रेजो का अवध की सत्ता पर कब्जा जमाना कठिन कार्य नही था। इसलिये अंग्रेजों ने सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाया।


प्रश्न 4 : कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वजीर अली ने अपनी हिफ़ाज़त कैसे की?

उत्तर : कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वजीर अली ने अपनी हिफ़ाज़त करने के लिए आजमगढ़ की ओर रुख किया। जहाँ पर उसे आजमगढ़  के नवाब में शरण दी और उसे सुरक्षित घागरा तक पहुंचा दिया। वहाँ वह छिपकर जंगलों में रहने लगा। इसी बीच उसने अफगानिस्तान के बादशाह शाहे जमा को हिंदुस्तान पर हमले की दावत दी और घागरा से नेपाल पहुंचने की कोशिश करने लगा।


प्रश्न 5 : सवार के जाने के बाद कर्नल क्यों हक्का-बक्का रह गया?

उत्तर : सवार के जाने के बाद कर्नल हक्का-बक्का इसलिए रह गया क्योंकि जिस सवार को वह साधारण सा सिपाई समझ रहा था, वह वास्तव में वजीर अली था। इस तरह अपने खेमे में सीधे वजीर अली का आना और उससे 10 कारतूस मांग कर ले जाना, वजीर अली की यह निडरता देखकर कर्नल हक्का-बक्का रह गया। वजीर अली सिपाही के वेश में कर्नल के खेमे में आया था। कर्नल उसके मार्फत वजीर अली को पकड़ने के ख्वाब देख रहा था। इसलिए उसने सिपाही का वेश धारण किए हुए वजीरअली को साधारण सिपाही समझ कर दस कारतूस दे दिए। लेकिन जब कारतूस लेकर वह सिपाही जाने लगा तो कर्नल उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम वजीर अली बताया। यह नाम सुनकर कर्नल हक्का-बक्का रह गया।



(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए

प्रश्न 1 : लेफ्टीनेंट को ऐसा क्यों लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है?

उत्तर : कर्नल से लेफ़्टीनेंट को यह पता चला कि ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ केवल वजीर अली ही काम नहीं कर रहा बल्कि दक्षिण भारत में मैसूर का सुल्तान टीपू सुल्तान, बंगाल में अवध के नवाब का भाई शमसुद्दौला आदि जैसे शासक भी ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ हो गए हैं। इन सभी शासकों ने मिलकर अफगानिस्तान के बाद शाहे ज़मा को हिंदुस्तान पर आक्रमण करने के लिए आमंत्रित किया है। कर्नल से यह सारी बातें जानकर लेफ्टिनेंट को लगा कि कंपनी ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ पूरे हिंदुस्तान में विरोध की लहर दौड़ गई है।


प्रश्न 2 : वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल क्यों किया?

उत्तर : वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल इसलिए किया क्योंकि कंपनी के वकील से उसकी किसी बात पर कहासुनी हो गई और कंपनी के वकील ने उसको बुरी तरह खरी-खोटी सुना दी थी। जिससे उसकी बातों से गुस्सा होकर वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का उसी समय कत्ल कर दिया। वजीर अली को उसकी अवध रियासत नवाब पद से हटाकर कंपनी ने बनारस भेज दिया और उसके लिए तीन लाख सालाना वज़ीफा भी तय कर दिया था। कुछ महीनों बाद कंपनी के गवर्नर ने वज़ीर अली को दोबारा कलकत्ता बुलाया। यह सारे मामले को देखकर वज़ीर अली कंपनी के वकील के पास गया जो कि बनारस में रहता था। उसने कंपनी के बारे में वकील से शिकायत की तो वकील ने उसे काफी उल्टा सीधा कहना शुरू कर दिया, जिससे वजीर अली को गुस्सा आ गया और उसने उसी समय वकील का कत्ल कर दिया।


प्रश्न 3 : सवार ने कर्नल से कारतूस कैसे हासिल किए?

उत्तर : सवार जोकि वास्तव वजीरअली था, वह एक सिपाही का भेष बनाकर कर्नल के सामने गया था। उसने कर्नल के सामने खुद को इस तरह पेश किया जैसे वह वजीर अली के खिलाफ हो। उसने कर्नल को बताया कि वह वजीर अली को पकड़ना चाहता है। इसलिए उसे 10 कारतूस चाहिए।  उसकी बातों में आकर उसे 10 कारतूस दे दिए। इस तरह सवार कर्नल को वेबकूफ बनाकर उससे दस कारतूस हासिल कर लिए।जाते-जाते जब कर्नल ने उससे उसका नाम पूछा तो सिपाही ने बताया कि वह वजीर अली है तो कर्नल ये सुनकर हक्का-बक्का रह गया।


प्रश्न 4 : वज़ीर अली एक जाँबाज़ सिपाही था, कैसे? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : वज़ीर अली एक जाँबाज़ सिपाही का इस बात में कोई संशय नहीं था क्योंकि वह अकेले ही अपने दम पर ईस्ट इंडिया कंपनी अंग्रेजों से लड़ाई लड़ रहा था। अंग्रेजों ने उसकी अवध रियासत के नवाब पद से उसे हटा दिया और उसे बनारस भेज दिया लेकिन वह झुका नहीं। जब उसका वज़ीफे संबंधी विवाद हुआ और वह कंपनी के वकील के पास गया तो कंपनी के वकील की कुछ बातों से गुस्सा होकर उसने उसी समय कंपनी के वकील की हत्या कर दी। इसके अलावा वह इतना निडर था कि अकेला ही कर्नल के खेमे में घुसकर उससे कारतूस मांग लाया। वह जंगलों में भटकता रहता था और अपनी छोटी सी सेना के सहारे ही अंग्रेजों से लड़ता रहता था। इन सब बातों से सिद्ध होता है कि वह एक जांबाज सिपाही था।


(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए

प्रश्न 1 : मुट्ठीभर आदमी और ये दमखम।

आशय : ये पंक्ति वज़ीर अली  और उसकी छोटी सी सेना के साहस और वीरता के बारे में बताती है। वज़ीर अली साहसी निडर और जांबाज व्यक्ति था। उसके बाद छोटी सी ही सेना थी, लेकिन वह अपनी छोटी सी सेना और सीमित संसाधनों के सहारे ही अंग्रेजों की संसाधन युक्त विशाल सेना से लड़ता रहा। इसके पीछे उसकी जांबाजी, उसकी चतुराई और उसकी सेना की बहादुरी ही मुख्य कारण थी।

प्रश्न 2 : गर्द तो ऐसे उड़ रही है जैसे कि पूरा एक काफ़िला चला आ रहा हो मगर मुझे तो एक ही सवार नजर आता है।

आशय : यह पंक्ति उस समय के संदर्भ में है, जब सवार कर्नल के खेमे की तरफ तेजी से दौड़ता चला आ रहा था। वह सवार वास्तव में वज़ीर अली था जो भेष बदलकर कर्नल के खेमे की तरफ घोड़े पर बैठकर तेजी से आ रहा था। जब लेफ्टिनेंट ने दूर से आते व्यक्ति को देखा तो लेफ्टिनेंट को लगा कि कोई बहुत बड़ा काफिला खेमे की तरफ आ रहा है, लेकिन वास्तव में वह केवल एक ही सवार था, लेकिन इतनी तेजी से आ रहा था कि ऐसा लग रहा था कि कोई बहुत बड़ा काफिला कर्नल के खेमे की तरफ आ रहा हो।



भाषा अध्ययन

प्रश्न 1 : निम्नलिखित शब्दों का एक-एक पर्याय लिखिए-
खिलाफ़, पाक, उम्मीद, हासिल, कामयाब, वजीफ़ा, नफ़रत, हमला, इंतेज़ार, मुमकिन

उत्तर : निम्नलिखित शब्दों का एक-एक पर्याय इस प्रकार होगा…
खिलाफ़ ➲ विरुद्ध
पाक ➲ पवित्र
उम्मीद ➲ आशा
हासिल ➲ प्राप्त
कामयाब ➲ सफल
वजीफ़ा ➲ छात्रवृत्ति
नफ़रत ➲ घृणा
हमला ➲ आक्रमण
इंतेज़ार ➲ प्रतीक्षा
मुमकिन ➲ संभव


प्रश्न 2 : निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
आँखों में धूल झोंकना, कूट-कूटकर भरना, काम तमाम कर देना, जान बख्श देना, हक्का-बक्का रह जाना।

उत्तर : दिए गए मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग इस प्रकार होगा :
(क) आँखों में धूल झोंकना ➲  भरे बाजार में जेबकतरा राहगीर की आँखों में धूल झोंककर उसका बटुआ ले उड़ा। (ख) कूट-कूट कर भरना ➲ नेताजी सुभाषचंद्र बोस में देशभक्ति कूट-कूटकर भरी थी।
(ग) काम तमाम कर देना ➲ रानी ने बड़ी मुश्किल से रेत का घरौंदा बनाया था, उसके छोटे भाई ने एक झटके में लात मारकर घरौंदे का काम तमाम कर दिया।
(घ) जान बख्श देना ➲ चोर को पकड़कर जब सिपाही राजा के सामने लाये तो चोर जान की भीख मांगने लगा तो राजा ने दया खाकर उसकी जान बख्श दी।
(ङ) हक्का-बक्का रह जाना ➲ जैसे ही राजीव ने अपनी पिताजी की मृत्यु का समाचार सुना वह हक्का-बक्का रह गया।


प्रश्न 3. कारक वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ संबंध बताता है। निम्नलिखित वाक्यों में कारकों को रेखांकित कर उनके नाम लिखिए।
  1. जंगल की जिंदगी बड़ी खतरनाक होती है।
  2. कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई।
  3. वज़ीर को उसके पद से हटा दिया गया।
  4. फ़ौज के लिए कारतूस की आवश्यकता थी।
  5. सिपाही घोड़े पर सवार था।

उत्तर : वाक्यों में कारक और उनके नाम इस प्रकार होंगे…
(
क) जंगल की ज़िंदगी बड़ी खतरनाक होती है। कारक ➲ की कारक का नाम  ➲ संबंध कारक
(ख) कंपनी के खिलाफ़ सारे हिन्दुस्तान में एक लहर दौड़ गई। कारक ➲ के, में कारक का नाम ➲ संबंध कारक, अधिकरण कारक
(ग) वज़ीर को उसके पद से हटा दिया गया। कारक ➲ को, से कारक का नाम ➲ कर्म कारक, अपादान कारक (घ) फ़ौज के लिए कारतूस की आवश्यकता थी। कारक ➲ के लिए, की कारक का नाम ➲ सप्रंदान कारक, संबंध कारक (ङ) सिपाही घोड़े पर सवार था। कारक ➲ पर कारक का नाम ➲ अधिकरण कारक


प्रश्न 4 : क्रिया का लिंग और वचन सामान्यतः कर्ता और कर्म के लिंग और वचन के अनुसार निर्धारित होता है। वाक्य में कर्ता और कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार जब क्रिया के लिंग, वचन आदि में परिवर्तन होता है तो उसे अन्विति कहते हैं।
क्रिया के लिंग, वचन में परिवर्तन तभी होता है जब कर्ता या कर्म परसर्ग रहित हों;
जैसे- सवार कारतूस माँग रहा था। (कर्ता के कारण)
सवार ने कारतूस माँगे। (कर्म के कारण)
कर्नल ने वज़ीर अली को नहीं पहचाना। (यहाँ क्रिया, कर्ता और कर्म किसी के भी कारण प्रभावित नहीं है)
अतः कर्ता और कर्म के परसर्ग सहित होने पर क्रिया कर्ता और कर्म से किसी के भी लिंग और वचन से प्रभावित नहीं होती और वह एकवचन पुल्लिंग में ही प्रयुक्त होती है। नीचे दिए गए वाक्यों में ‘ने’ लगाकर उन्हें दुबारा लिखिए-
  1. घोड़ा पानी पी रहा था।
  2. बच्चे दशहरे का मेला देखने गए।
  3. रॉबिनहुड गरीबों की मदद करता था।
  4. देशभर के लोग उसकी प्रशंसा कर रहे थे।

उत्तर : दिए वाक्यों में ‘ने’ लगाकर वाक्य इस प्रकार होंगे…

(क) घोड़ा पानी पी रहा था।
बदला वाक्य : घोड़े ने पानी पिया।

(ख) बच्चे दशहरे का मेला देखने गए।
बदला वाक्य : बच्चों ने दशहरे का मेला देखा।

(ग) रॉबिनहुड गरीबों की मदद करता था।
बदला वाक्य : रॉबिनहुड ने गरीबों की मदद की।

(घ) देशभर के लोग उसकी प्रशंसा कर रहे थे।
बदला वाक्य : देशभर के लोगों ने उसकी प्रशंसा की।


प्रश्न 5 : निम्नलिखित वाक्यों में उचित विराम-चिह्न लगाइए-
  1. कर्नल ने कहा सिपाहियों इस पर नजर रखो ये किस तरफ़ जा रहा है।
  2. सवार ने पूछा आपने इस मकाम पर क्यों खेमा डाला है इतने लाव लश्कर की क्या जरूरत है।
  3. खेमे के अंदर दो व्यक्ति बैठे बातें कर रहे थे चाँदनी छिटकी हुई थी और बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे एक व्यक्ति कह रहा था दुश्मन कभी भी हमला कर सकता है।

उत्तर : उचित विराम-चिह्न लगाकर वाक्य इस प्रकार होंगे…

(क) कर्नल ने कहा सिपाहियों इस पर नज़र रखो ये किस तरफ़ जा रहा है
सही वाक्य : कर्नल ने कहा, “सिपाहियों इस पर नज़र रखो ये किस तरफ़ जा रहा है?”

(ख) सवार ने पूछा आपने इस मकाम पर क्यों खेमा डाला है इतने लावलश्कर की क्या ज़रूरत है
सही वाक्य : सवार ने पूछा, “आपने इस मकाम पर क्यों खेमा डाला है? इतने लावलशकर की क्या ज़रूरत है?”

(ग) खेमे के अंदर दो व्यक्ति बैठे बाते कर रहे थे चाँदनी छिटकी हुई थी और बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे एक व्यक्ति कह रहा था दुशमन कभी भी हमला कर सकता है
सही वाक्य : खेमे के अंदर दो व्यक्ति बैठे बातें कर रहे थे। चाँदनी छिटकी हुई थी और बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे। एक व्यक्ति कह रहा था, “दुश्मन कभी भी हमला कर सकता है।


योग्यता विस्तार

प्रश्न 1 : पुस्तकालय से रॉबिनहुड के साहसिक कारनामों के बारे में जानकारी हासिल कीजिए।

उत्तर : रॉबिन हुड एक प्रसिद्ध अंग्रेज लोक नायक हैं, जिनकी कहानियाँ मध्ययुगीन इंग्लैंड में लोकप्रिय थीं। वे शेरवुड वन में रहने वाले एक कुशल धनुर्धर और चोर के रूप में जाने जाते थे। रॉबिन हुड अमीरों से चोरी करके गरीबों में बाँटने के लिए प्रसिद्ध थे, जिससे वे जनता के नायक बन गए। उनके साहसिक कारनामों में शेरिफ ऑफ नॉटिंघम से मुठभेड़, राजा के सैनिकों को चकमा देना, और अपने मेरी मेन नामक साथियों के साथ मिलकर अन्याय का विरोध करना शामिल था। वे अपनी चतुराई, कौशल और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। रॉबिन हुड की कहानियों में उनके प्रेम प्रसंग मेड मेरियन के साथ, उनके विश्वासपात्र साथी लिटिल जॉन, और चर्च के भ्रष्ट अधिकारियों से टकराव भी शामिल हैं। हालांकि उनके वास्तविक अस्तित्व पर विवाद है, रॉबिन हुड की कहानियाँ शताब्दियों से लोगों को प्रेरित और मनोरंजित करती रही हैं, जो उन्हें एक चिरस्थायी लोक नायक बनाती हैं।


प्रश्न 2 : वृंदावनलाल वर्मा की कहानी इब्राहिम गार्दी पढ़िए और कक्षा में सुनाइए।

उत्तर : नीचे वृंदावनलाल वर्मा की कहानी ‘इब्राहिम गार्दी’ का सारांश दिया जा रहा है। विद्यार्थी इस कहानी को अपनी कक्षा में सुना सकते हैं….

‘इब्राहिम गार्दी’ वृंदावनलाल वर्मा द्वारा लिखित एक ऐतिहासिक कहानी है। यह कहानी मुगल साम्राज्य के पतन के समय की है। इसमें इब्राहिम गार्दी नामक एक मुस्लिम सैनिक की वीरता और देशभक्ति का वर्णन है।

कहानी का मुख्य पात्र इब्राहिम गार्दी एक कुशल तोपची है जो मराठा सेना में काम करता है। वह अपनी वफादारी और कौशल के लिए जाना जाता है। कहानी में उसके जीवन के कुछ महत्वपूर्ण क्षणों का वर्णन है, जिसमें युद्ध के मैदान में उसकी वीरता और उसके चरित्र की दृढ़ता दिखाई देती है।

लेखक ने इस कहानी के माध्यम से धार्मिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया है। इब्राहिम गार्दी एक ऐसा पात्र है जो अपने धर्म से ऊपर उठकर देश के प्रति अपनी निष्ठा दिखाता है।

कहानी में ऐतिहासिक घटनाओं और पात्रों का जीवंत चित्रण है, जो उस समय के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को दर्शाता है।

यह कहानी हमें सिखाती है कि वीरता, निष्ठा और देशप्रेम किसी एक धर्म या समुदाय तक सीमित नहीं हैं।


परियोजना

प्रश्न 1 : ‘कारतूस’ एकांकी का मंचन अपने विद्यालय में कीजिए।

उत्तर : ये एक प्रायोगिक कार्य है, विद्यार्थी कारतूंस एकांकी मंचन अपने विद्यालय में करें।


प्रश्न 2 : ‘एकांकी’ और ‘नाटक’ में क्या अंतर है? कुछ नाटकों और एकांकियों की सूची तैयार कीजिए।

उत्तर : ‘एकांकी’ और ‘नाटक’ में मुख्य अंतर उनकी लंबाई, जटिलता और प्रस्तुति में होता है। एकांकी और नाटक में अंतर इस प्रकार होता है…

1. लंबाई : एकांकी छोटा होता है और आमतौर पर 15-45 मिनट में प्रस्तुत किया जाता है। नाटक लंबा होता है और कई घंटों तक चल सकता है।

2. अंक : एकांकी में केवल एक अंक होता है, जबकि नाटक में कई अंक हो सकते हैं।

3. कथानक : एकांकी में एक मुख्य कथानक होता है, जबकि नाटक में कई उप-कथानक हो सकते हैं।

4. पात्र : एकांकी में पात्रों की संख्या सीमित होती है, जबकि नाटक में अधिक पात्र हो सकते हैं।

5. समय और स्थान : एकांकी आमतौर पर एक ही समय और स्थान पर केंद्रित होता है, जबकि नाटक में समय और स्थान बदल सकते हैं।

कुछ प्रसिद्ध नाटकों की सूची

1. आधे अधूरे – मोहन राकेश
2. आषाढ़ का एक दिन – मोहन राकेश
3. अंधा युग – धर्मवीर भारती
4. नागमंडल – गिरीश कर्नाड
5. चरणदास चोर – हबीब तनवीर

कुछ प्रसिद्ध एकांकियों की सूची

1. अंडे के छिलके – मोहन राकेश
2. बहू की विदा – विनोद रस्तोगी
3. सड़क – विजय तेंदुलकर
4. मम्मी ठकुराइन – उपेंद्रनाथ अश्क
5. भोर का तारा – जगदीशचंद्र माथुर


कारतूस : हबीब तनवीर (कक्षा-10 पाठ-14 हिंदी स्पर्श 2) (NCERT Solutions)


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तताँरा-वामीरो की कथा : लीलाधर मंडलोई (कक्षा-10 पाठ-10 हिंदी स्पर्श 2) (हल प्रश्नोत्तर)

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