एकस्मिन् बने एकः शृगालः वसति स्म। एकास्मिन् दिवसे सः नीलवर्णस्य कुण्डे अपतत्। `यदा सः कुण्डात् बहिः आगतः तदा सः नीलवर्णः जातः । सः अतिप्रसन्नः अभवत् वनम् अगच्छत् च। सः वनस्य सर्वेषां पशूनां सभाम् आमन्त्रितं कृत्वा आत्मानं राजा अघोषत् । वनस्य अन्ये जन्तवः तस्मात् ईष्यां कुर्वन्ति स्म से राती एकत्रीः भूत्वा उच्चैः अक्रन्दन् सः शृगालरूपे राजा अपि त आगच्छत् अक्रन्दत् च। सिहाः अवागच्छन् यत् सः शृगालः अस्ति । ते तस्मै अक्रुध्यन् तम् तत्रैव अमारयन् । |
हिंदी अनुवाद :
एक जंगल में एक सियार रहता था। एक दिन वह एक नीले तालाब में गिर गया। जब वह तालाब से बाहर निकला तो वह नीला रंग का हो गया था। वह बहुत खुश हुआ और जंगल में चला गया। उसने जंगल के सभी जानवरों की एक सभा को आमंत्रित किया और खुद को राजा घोषित कर दिया। जंगल के अन्य जानवर उससे ईर्ष्या करते थे और उस रात वे एक साथ इकट्ठे होकर जोर से चिल्लाने लगे। सियार के रूप में राजा भी आया और चिल्लाया। तब शेरों को पता चल गया कि वह एक सियार था। वे उस पर क्रोधित हो गए और उसे वहीं पर ही मार डाला।