आनुवंशिक लक्षणों का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में चरणबद्ध संचरण ‘वंशागति’ कहलाता है।
जब किसी परिवार में किसी संतान का जन्म होता है तो संतान के आँख, नैन-नक्श, रंग-रूप, बाल के रंग आदि माता-पिता अथवा उसके भाई-बहनों अथवा दादा-दादी, नाना-नानी आदि से मिलते हैं। यह सभी लक्षण संतान अपने पूर्वजों विशेषकर माता-पिता से प्राप्त करती है। पीढ़ी दर पीढ़ी अनुवांशिकता के इन लक्षणों का संचरण वंशागति कहलाता है। कहने का अर्थ यह है कि अभिलक्षणों का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में अर्थात माता-पिता से संतति में संचरण वंशागति कहलाता है। पीढ़ी दर पीढ़ी ये क्रम चलता रहता है। हालाँकि माता-पिता के सभी लक्षण संतार में समान नही होते कुछ लक्षण संतति में भिन्न भी होते है।
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