अजब-गजब सवाल
यहाँ पर पूछा जा रहा है कि ऐसा कौन सी चीज है, जो सूखी है तो उसका वजन 2 किलो है, वह गीली है तो उसका वजन 1 किलो है और जब वह जल जाती है तो उसका वजन 3 किलो हो जाता है।
है ना मजेदार सवाल ! हम सब अक्सर यह सुनते हैं कि कोई भी पदार्थ या वस्तु का वजन सूखी अवस्था में जितना होता है, गीली अवस्था में उसका वजन बढ़ जाता है। यदि कोई कपड़ा सूखा है तो वह उसका वजन जितना होगा, भीगे कपड़े का वजन उससे ज्यादा होगा। यदि इस कपड़े को जला दिया जाए तो वह राख बन जाएगा यानि उसका वजन बेहद कम हो जाएगा। ऐसा हर वस्तु या पदार्थ के साथ होता है। लेकिन यहाँ पर यह सवाल बिल्कुल अजब है, यहाँ पर तो उल्टी गंगा ही बह रही है। यहाँ पर तो पूरा सवाल ही उल्टा है। जिस चीज का सूखी होने पर जो वजन है, वह गीला होने पर तो बढ़ना चाहिए, लेकिन यहाँ पर कम हो रहा है और जल जाने पर तो बढ़ने की जगह कम होना चाहिए. लेकिन यहां पर तीन गुना वजन बढ़ रहा है। है ना कितना अजब सवाल ! तो जवाब भी उतना गजब है। दरअसल वह चीज यानि पदार्थ कहें तो है__
सल्फर
सल्फर एक ऐसा पदार्थ है कि सूखी अवस्था जिसका वजन 2 किलो होता है, उसी 2 किलो सल्फर का गीली अवस्था में वजन 1 किलो रह जाता है। यदि सल्फर को जला दिया जाए तो उसका वजन बढ़ कर 3 किलो हो जाता है।
समझते हैं ऐसा क्यों होता है।
सल्फर एक रसायनिक पदार्थ है। जब हम 2 किलो सूखी सल्फर लेते हैं तो उसका वजन 2 किलो होगा। यही 2 किलो सल्फर जब हम पानी में मिलाते हैं तो सल्फर पानी में घुलनशील नहीं होती और ना ही पानी में अंदर डूबती है, बल्कि वह पानी में तैरनी लगती है। इसका मुख्य कारण सल्फर का घनत्व है।
सल्फर का घनत्व पानी से कम होता है, वो पानी में डूबती नही है। इसी कारण पानी में 2 किलो सल्फर का वजन 1 किलो ही रह जाता है। यानि 2 किलो सूखी सल्फर गीली होने पर 1 किलो ही रह जाती है। अब हम यदि 1 किलो सल्फर को जलाएं तो सल्फर का वजन 3 किलो हो जाएगा। किसी भी पदार्थ को जलाने में ऑक्सीजन अपना महत्वपूर्ण रोल अदा करती है।
जब सल्फर को जलाते हैं, तो उसका ये गुण होता है कि वो जलाने पर रसायनिक क्रिया में उत्पन्न होने वाली ऑक्सीजन को सोख लेती है, जिस कारण उसका वजन तीन गुना हो जाता है। इस तरह 1 किलो सल्फर जलाने पर वह 3 किलो हो जाएगी।
तो है अजब सवाल का गजब जवाब !